गुवाहाटी (एजेंसी). गुवाहाटी हाई कोर्ट एक जनहित याचिका के सिलसिले में ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार के पेश नहीं होने से नाराज है. कोर्ट ने उन्हें 28 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया. चीफ जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस ए एम बुजारबरूआ ने कुमार को उन पांच छात्रों और उनके अभिभावकों को 10-10 हजार रुपया मुआवजा अदा करने का भी आदेश दिया, जिन्होंने मंगलवार को कोर्ट के समक्ष दावा किया कि ‘सुपर 30’ में दाखिले के नाम पर उनसे धोखाधड़ी की गई.
बताया जाता है कि यह संस्थान हर साल आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 30 छात्रों का चयन करता है और उन्हें ‘जेईईई’ की तैयारी कराता है. खंड पीठ ने आईआईटी-गुवाहाटी के चार छात्रों द्वारा दायर एक जनहित याचिका के सिलसिले में 19 नवंबर को कुमार को कोर्ट के समक्ष मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था.
याचिकाकर्ता के वकील अमित गोयल ने कहा कि कुमार ने छात्रों के आरोपों का जवाब नहीं दिया जबकि कोर्ट ने 21 सितंबर 2018 को निर्देश दिया था.
इन चारों छात्रों ने इस आरोप के साथ कोर्ट का रुख किया था कि आनंद कुमार के झूठे दावों के चलते हर साल देश के कई हिस्सों से काफी संख्या में छात्र पूरे विश्वास और उम्मीद के साथ उनके पास जाते हैं कि वह आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने में उनकी मदद करेंगे.
पीआईएल में कहा गया है कि पटना पहुंचने पर छात्रों को उनके कोचिंग संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में दाखिला दिलाया गया और उनमें से प्रत्येक से कुमार ने 30-30 हजार रुपये लिए. इसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि कुमार 2008 से ‘सुपर 30’ नाम की कोई कक्षा नहीं चला रहे हैं. लेकिन, आईआईटी प्रवेश परीक्षा के नतीजे आने पर वह रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के कुछ छात्रों के साथ मीडिया के सामने आते हैं और दावा करते हैं कि वे उनके संस्थान से हैं तथा उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उतीर्ण की है.