नई दिल्ली (एजेंसी). केंद्र सरकार ने छोटे जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के प्रावधान वाला बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया। इस बिल में सभी सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने का प्रावधान है। इस बिल के पास होने पर पीएमसी बैंक जैसे घोटाले होने की संभावना कम हो जाएगी और सहकारी बैंकों की हर गतिविधि पर आरबीआई की निगरानी रहेगी। विपक्ष के शोर शराबे के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल पेश करते हुए इसे लोकसभा में पास कराने का प्रयास किया। हालांकि हंगामा कर रहे विपक्ष ने बिल का विरोध शुरू कर दिया। सीतारमण ने बिल के संबंध में कहा, महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक से जुड़ा दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम सामने आया जहां छोटे और मझोले निवेशकों को परेशानी उठानी पड़ी। ऐसे में यह विधेयक समय की मांग है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने निवेशकों की परेशानियों को दूर करना सुनिश्चित किया और उनकी धन निकासी की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का निर्णय किया गया।
उन्होंने कहा, यह बल सहकारी बैंकों में जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा, बैंकों के बेहतर प्रबंधन और समुचित विनियमन के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र में विकास के समान स्तर लाने का प्रस्ताव है। इसमें आरबीआई के माध्यम से व्यावसायिकता को बढ़ावा देकर, पूंजी तक पहुंच को समर्थ बनाकर, सुधार करके और सुव्यवस्थित बैंकिंग व्यवस्था से सहकारी बैंकों को सुदृढ़ बनाने का प्रस्ताव है।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए सीतारमण ने कहा, ये लोग उन छोटे निवेशकों की मांग दबा रहे हैं जिन्होंने कठिनाइयों का सामना किया है। हंगामे के बीच ही सरकार ने विधेयक से संबंधित कुछ संशोधन पारित कराए। उधर, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, आप और वाम दलों के सदस्यों ने आसन के पास आकर हंगामे के बीच बिल पारित कराने के प्रयास का विरोध किया।