सत्या नडेला ने CAA पर रखी अपनी राय, बताया दुखद हालात, विवाद के बाद Microsoft ने जारी की सफाई

नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को लेकर भारत  (India) में बीते करीब एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. विपक्षी दलों से लेकर आम प्रदर्शनकारी सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को संविधान के खिलाफ, अल्पसंख्यकों के खिलाफ करार दे रहे हैं. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में रह रहे भारतीय मूल के निवासी भी इस कानून से प्रभावित हो रहे हैं और अपनी राय रख रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला का सोमवार को एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने CAA पर अपनी राय रखी.

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मैनहेट्टन में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के एक इवेंट में दुनियाभर के बड़े एडिटर्स से बात करते हुए जब सत्या नडेला से भारत में जारी प्रदर्शन पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी. बज़फीड के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सत्या नडेला का बयान जारी किया.

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सत्या नडेला ने कहा – ‘मेरा बचपन भारत में ही बीता है, जहां पर मैं बड़ा हुआ..जिस माहौल में बड़ा हुआ उस पर मैं पूरी तरह से गर्व करता हूं. मुझे लगता है कि वो एक ऐसी जगह है जहां पर हम दिवाली, क्रिसमस साथ में मिलकर मनाते हैं. लेकिन मुझे लगता है जो हो रहा है बुरा हो रहा है… खासकर उसके लिए जो कुछ और देखकर वहां पर बड़ा हुआ हो. अगर कहूं तो दो अमेरिकी चीजें जिनको हमने देखा है वह एक तकनीक है और दूसरा प्रवासियों के लिए उसकी पॉलिसी, जिसकी वजह से मैं यहां तक पहुंचा हूं.

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मुझे लगता है कि ये बुरा है, लेकिन मैं एक बांग्लादेशी प्रवासी को जो भारत में आया हो उसे बड़ा होते हुए देखना चाहता हूं या इंफोसिस का सीईओ बनते हुए देखना चाहिए… ये ही आकांक्षा होनी चाहिए. अगर मैं देखूं तो जो मेरे साथ अमेरिका में हुआ मैं वैसा भारत में होते हुए देखना चाहता हूं.

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हालांकि, मैं ये नहीं कह रहा हूं कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, बॉर्डर पर कुछ नहीं करना चाहिए. वहां की सरकार और लोग इस बारे में जरूर सोचेंगे. क्योंकि इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा है. ये यूरोप और भारत में बड़ी बात है, लेकिन इसके साथ कौन कैसे डील करता है.. प्रवास क्या है… प्रवासी कौन हो और अल्पसंख्यक का ग्रुप कौन है.. ये ही संवेदनशीलता है.

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इसी मुद्दे पर मैं सोचता हूं कि लिबरल वैल्यू लागू होनी चाहिए..यही पूंजीवाद है. मुझे लगता है कि भारत को मार्केट फोर्स और लिबरल वैल्यू के बारे में सोचना होगा. लेकिन अच्छी बात ये है कि भारत एक लोकतंत्र है, जहां पर लोग उसकी चर्चा कर रहे हैं. यहां कुछ छुपा नहीं है…इसपर गंभीर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन मैं अपनी बात पर साफ हूं कि हम किन मूल्यों पर खड़े होते थे और मैं किन मूल्यों की बात कर रहा हूं.’

सत्या नडेला के इस बयान पर जब विवाद हुआ तो माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें सत्या नडेला के बयान का मतलब समझाया गया और मामले पर सफाई दी गई. माइक्रोसॉफ्ट की ओर से जारी बयान.

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‘हर देश को अपने बॉर्डर, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रवासी पॉलिसी को तय करने का अधिकार है. लोकतंत्र में सरकारें और देश की जनता ऐसे मुद्दों पर बात करके अपना फैसला लेती है. मैं भारतीय मूल्यों के आधार पर बड़ा हुआ हूं…जो कि एक मल्टीकल्चर भारत था और अमेरिका में भी मेरा प्रवासी अनुभव ऐसा ही रहा है. भारत के लिए मेरी आकांक्षा है कि वहां पर कोई भी प्रवासी आकर एक अच्छा स्टार्ट अप, बड़ी कंपनी की अगुवाई करने का सपना देख सके. जिससे भारतीय समाज और इकॉनोमी को फायदा पहुंचे।’

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