नई दिल्ली(एजेंसी) शिक्षा नीति : मानव संसाधन और विकास मंत्रालय की सिफारिश के बाद एचआरडी मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है. इसके अलावा इस बैठक में मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. वहीं दोनों के बारे में सरकार की ओर से शाम चार बजे विस्तार से जानकारी दी जाएगी.बता दें कि कुछ समय पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय करने का प्रस्ताव दिया था. वहीं, शिक्षा नीति को मंजूरी मिल जाने के बाद अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी, ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.
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नई शिक्षा नीति के मुताबिक, आने वाले समय में शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होगा. नई शिक्षा नीति में कहानी, रंगमंच,सामूहिक पठन पाठन, चित्रों का डिस्प्ले, लेखन कौशलता, भाषा और गणित पर भी जोर होगा. इस साल बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का एलान किया था. इस नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा. इससे न सिर्फ युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी.
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शिक्षा नीति का एलान करते हुए सरकार ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोविंग और विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. साथ ही राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. वहीं टॉप 100 यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करें, इसकी भी योजना तैयार हो रही है.
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि हमारी जो नई शिक्षा नीति आ रही है, वह काफी कुछ इन बातों का समाधान करेगी. शिक्षा नीति में सरकार ने हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके साथ ही युवाओं को हायर एजुकेशन लेना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा.
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