वॉशिंगटन: दुनिया के 170 से ज्यादा देश ‘कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी’ पर बातचीत कर रहे हैं. ‘कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी’ का उद्देश्य सभी देशों को सामान रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराना है. लेकिन अमेरिका ने कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास, निर्माण और समान रूप से वितरित करने के वैश्विक प्रयास में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
अमेरिका ने कहा कि वह वैक्सीन के बनाने और समान रूप से बांटने के वैश्विक प्रयास में शामिल नहीं होगा, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसमें शामिल है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जुड डीरे ने डब्ल्यूएचओ को भ्रष्ट बताते हुए कहा, ‘कोरोना से लड़ने में अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों की मदद करना जारी रखेगा. लेकिन हम भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन से प्रभावित बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विवश नहीं होंगे.’
वहीं यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि यूरोपीय संघ (ईयू) कोविड-19 वैक्सीन की खरीद प्रणाली के लिए कोवेक्स फैसिलिटी में शामिल होने के लिए तैयार है. आयोग ने कोवेक्स का समर्थन करने के लिए गारंटियों में 40 करोड़ यूरो (477 मिलियन डॉलर) का योगदान देने की घोषणा की.
बता दें कि कोवेक्स में ईयू की भागीदारी वैक्सीन कंपनियों के साथ चल रही बातचीत की पूरक होगी, जिसका उद्देश्य मैन्यूफैक्चरिंग की क्षमता बढ़ाना है. कोवेक्स को कई अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के नेतृत्व में अप्रैल में लॉन्च किया गया, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन भी शामिल है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अभी 9 सीईपीआई समर्थित वैक्सीन कैंडिडेट कोवेक्स के हिस्से हैं, इसके अलावा अन्य उत्पादकों के साथ बातचीत चल रही है.