वर्ल्ड काॅफी डे आज : कैफे में क्षमता से आधे लाेगाें के बैठने की व्यवस्था हर सर्विस के बाद सीट-चेयर कर रहे सैनिटाइज

रायपुर (अविरल समाचार) : आज वर्ल्ड काॅफी डे है। काेराेना काल में शहर के कैफे में कई बड़े बदलाव हुए हैं। कैफे के एंबियंस से लेकर काॅफी सर्व करने का अंदाज तक बदल गया है। जिन कैफे की दीवाराें पर पहले अट्रैक्टिव पाेस्टर और काेट्स लिखे हाेते थे, अब वहां काेविड गाइडलाइंस लिखी नजर आती हैं। बात करें सिटिंग अरेंजमेंट की ताे साेशल डिस्टेंसिंग की वजह से ज्यादातर कैफे संचालकाें ने अब क्षमता से आधी चेयर ही कैफे में रखी है। पहले जहां 30 लाेगाें के बैठने की व्यवस्था थी, अब वहां 15 लाेग ही एक समय में बैठ सकते हैं। एक कैफे के इरफान अहमद ने बताया कि एंट्री पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन अनिवार्य है।

शास्त्री चौक स्थित कैफे के मैनेजर पीओ पिल्लई ने बताया, हर सर्विस के तुरंत बाद टेबल और कुर्सी सैनेटाइज करते हैं। कैफे राेज पूरी तरह सैनिटाइज करने के बाद ही ओपन और क्लाेज करते हैं। स्टाफ के लिए हमेशा मास्क पहनना अनिवार्य रखा है। साेशल डिस्टेंसिंग के लिए टेबल की संख्या भी कम कर दी गई है। पहले जहां 15 टेबल थी अब 33 परसेंट कम करते हुए 10 टेबल ही रखी हैं। पहले एक टेबल में 4 चेयर रखते थे, अब 2 सीट ही लगाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहली बार वर्ल्ड काॅफी डे मनाया था। 2014 में संगठन ने 1 अक्टूबर को ये दिन मनाने का फैसला किया था।

ये दिन सेलिब्रेट करने का मकसद उन सभी लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है जो खेत से दुकान तक कॉफी पहुंचाने का काम करते हैं।

शहर में 100 से ज्यादा कैफे हैं। कुछ कैफे ऐसे भी हैं जहां 40 से ज्यादा वैराइटी की कॉफी सर्व की जाती है।

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