रायपुर के तीन बड़े दशहरा मैदानों में 100-100 फीट के पुतले नहीं जलाएंगे, कई जगह होगा सिर्फ सांकेतिक दहन

रायपुर (अविरल समाचार) : कोरोना संक्रमण हर त्यौहार की तरह दशहरे के रावण दहन पर भी असर डालने जा रहा है। बुधवार को राजधानी में प्रशासन के सामने कई समितियों ने कह दिया कि वे इस बार रावण दहन उस तरह नहीं करेंगी, जैसा हर साल होता आया है। डब्लूआरएस मैदान, रावणभाठा और बीटीआई ग्राउंड पर सांकेतिक रावण दहन की तैयारी है, जिसमें बहुत छोटे आकार के पुतले को जलाया जाएगा। सांकेतिक तौर पर छोटा पुतला जलाने की बात कुछ और समितियों ने भी अफसरों से कही है। कुछ समितियों ने तो इस बार रावण दहन करने से ही मना कर दिया है। हर वर्ष आश्विन मास में कृष्ण पक्ष के दसवें दिन दशहरा उत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होगी। वहीं 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाना है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपाय के चलते मार्च से सितंबर तक सभी त्यौहार व पर्व शासन के नियमों का पालन करते हुए मनाए गए। हाल ही में कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने नवरात्रि के लिए 29 बिंदुओं पर नियम जारी किया था। दशहरा किस तरह मनाया जाए, इसे लेकर प्रशासन ने बुधवार को शहर की कई बड़ी समितियों को बुलवाया। कंट्रोल रूम में इस बैठक में शहर के एडीएम और एएसपी शामिल हुए। बैठक में दशहरा उत्सव को लेकर चर्चा की गई, जिसमें समितियों के मत अलग-अलग रहे। कुछ समितियों ने तो साफ कह दिया कि वे उत्सव नहीं मनाएंगे।

कुछ ने परंपरा बचाने के लिए छोटे पुतले के साथ सीमित पैमाने पर रावण दहन की बात रखी। बैठक में मौजूद एडीएम विनीत नंदनवार ने समितियों से कहा है कि वे गुरुवार की शाम तक अपनी राय लिखकर प्रशासन को अवगत करवा दें। इसके एक-दो दिन के भीतर प्रशासन की ओर से दशहरा उत्सव की गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।

शहर में दशहरे के बड़े बड़े कार्यक्रमों पर अब भी संशय बना हुआ है। डब्ल्यूआरएस कॉलोनी दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बड़ा आयोजन नहीं होगा, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से उत्सव मनाएंगे। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बताया कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बड़े आयोजन नहीं होंगे। सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति दुधाधारी मंदिर, रावणभाठा के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने भी कहा कि इस साल भव्य आयोजन की योजना नहीं है। प्रतीकात्मक रूप से उत्सव मनाने पर समिति की बैठक होनी है। इसी तरह, दूधाधारी मंदिर की रामलीला समेत कई पारंपरिक आयोजन होंगे।खम्हारडीह सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के मुख्य संयोजक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 70 वर्षों से मनाए जा रहे उत्सव का बड़ा आयोजन स्थगित कर दिया गया।

“दशहरा समितियों ने अपने-अपने विचार रखे हैं। वे इन्हें गुरुवार को शाम तक लिखित तौर पर प्रशासन को भेजेंगे। इसके बाद कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर गाइडलाइन जारी की जाएगी।”

Related Articles