रूस ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा ह्यूमनॉएड रोबोट, अंतरिक्ष यात्रियों की करेगा मदद

वाशिंगटन (एजेंसी)। रूस के पहले रोबोट को लेकर रवाना हुआ सोयूज अंतरिक्षयान सोमवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर उतर गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई ह्यूमनॉएड रोबोट, आईएसएस पर गया है।

नासा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सोयूज अंतरिक्षयान आईएसएस पर सफलतापूर्वक उतर गया है। फेडोर नामक यह रोबोट दस दिनों तक आईएसएस पर रहेगा और अंतरिक्ष यात्रियों की मदद करना सीखेगा। रूस ने धरती की परिक्रमा कर रहे कृत्रिम उपग्रह आईएसएस पर पहली बार रोबोट भेजा है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते शनिवार को ही आईएसएस पर उतारा जाना था, लेकिन इसके स्वचालित प्रणाली में आई गड़बड़ी के कारण यह यान आईएसएस पर उतरने में विफल रहा। आईएसएस पर सोयूज के उतरने का सजीव प्रसारण किया जा रहा था। यान इस दौरान आईएसएस से 96 मीटर दूर था।

फेडोर नामक रोबोट को लेकर सोयूज एमएस-14 अंतरिक्ष यान गुरुवार सुबह कजाखस्तान के बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र से आईएसएस के लिए रवाना हुआ था। इसे शनिवार को आईएसएस पर पहुंचना था। सोयूज आमतौर पर अंतरिक्षयात्रियों को लेकर आईएसएस पर जाता है, लेकिन इस बार आपातकालीन बचाव प्रणाली की जांच के लिए इसे मानवरहित रवाना किया गया है।

सोयूज की पायलट सीट पर रोबोट फेडोर को बैठाया गया है। उसके हाथ में रूस का एक छोटा झंडा भी है। इस रोबोट की लंबाई पांच फीट 11 इंच है और इसका वजन 160 किलोग्राम है। यह रोबोट दस दिनों तक आईएसएस पर रहेगा और अंतरिक्ष यात्रियों की मदद करना सीखेगा।

फेडोर का अपना इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट भी है। इन पर बताया गया है कि वह पानी की बोतल खोलने जैसे नए हुनर सीख रहा है।

स्पेस स्टेशन पर फेडोर रोबोट निम्न गुरुत्वाकर्षण में नए कौशल का परीक्षण करेगा। यह रोबोट इंसानी गतिविधियों की नकल भी करता है।

अंतरिक्ष में जाने वाला फेडोर पहला रोबोट नहीं है। इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2011 में रोबोनॉट-2 को अंतरिक्ष में भेजा था। 2013 में जापान ने किरोबो नामक एक छोटा रोबोट आईएसएस पर भेजा था। इसे जापान के पहले अंतरिक्ष यात्री अपने साथ लेकर गए थे।

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