रिलायंस कम्युनिकेशन दिवालिया होने के कगार पर

नई दिल्ली (एजेंसी) एक जमाने में देश भर में 15 पैसे में देश की सबसे सस्ती मोबाइल सेवा को शुरू करने वाली अनिल अंबानी की कंपनी रिलांयस कम्यूनिकेशन ने शुक्रवार को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दी है। सोमवार को कंपनी का शेयर 54.3 फीसदी गिरकर 5.30 रुपये पर आ गए थे।

व्यापार जगत में एक दशक पहले तक अनिल अंबानी और रिलायंस की तूती बोलती थी। बड़े भाई मुकेश अंबानी से बटवांरे के बाद अनिल के खाते में आरकॉम भी आ गई थी। सीडीएमए तकनीक के भरोसे कंपनी ने अपनी मोबाइल सेवाओं को मात्र 500 रुपये में देना शुरू कर दिया था। हालांकि लोकप्रियता के चरम पर पहुंचने के बाद भी कंपनी की वित्तीय स्थिति डांवाडोल होती गई है।

विभिन्न कर्जदाताओं का बकाया लौटाने में असफल रही कंपनी ने एनसीएलटी में दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के तहत फास्ट ट्रैक रिज्योलूशन की गुहार लगाई है। कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कर्ज निपटान योजना की समीक्षा की है और उसने पाया है कि 18 महीने गुजर जाने के बाद भी संपत्तियों को बेचने की योजना सफल नहीं हो सकी है। ऐसे में उसके पास आईबीसी के तहत प्रक्रिया शुरू करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने आरकॉम और अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ रखी हैं। उसने एनसीएलएटी में अपील की है कि कंपनी उसके 15.8 करोड़ डॉलर के कर्ज में से 7.9 करोड़ का भुगतान नहीं कर सकी है। लिहाजा अनिल अंबानी की निजी संपत्तियों को बेचकर उसका निपटारा किया जाए। आरकॉम की ओर से दिवालिया प्रक्रिया अपनाने की अपील के बाद एनसीएलएटी ने सोमवार को एरिक्सन से 8 फरवरी तक अपने आपत्तियां दर्ज कराने का निर्देश दिया है। ट्रिब्यूनल इस पर 12 फरवरी को फैसला सुनाएगा।

कंपनी की ओर से आईबीसी के तहत आने की अर्जी देने के बाद सोमवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 54 फीसदी तक गिर गए। इससे कुछ ही घंटों में निवेशकों के 1,550 करोड़ रुपये डूब गए। शुक्रवार को कंपनी के शेयरों का मूल्य 11.60 रुपये पर बंद हुआ था जो सोमवार को घटकर 6 रुपये के भाव पर आ गया। आखिर में 35 फीसदी गिरावट के साथ शेयरों का मूल्य 7.55 रुपये पर बंद हुआ।

कंपनी अपने कर्जों का जल्द भुगतान करना चाहती है और आईबीसी के तहत आने के बाद उसके मामले का निपटारा नौ माह यानी 270 दिनों के भीतर निपटारा हो सकेगा। इससे पहले कंपनी ने जियो को स्पेक्ट्रम बेचकर 970 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी लेकिन एनसीएलटी ने शर्त रखी कि बची रकम का भुगतान जियो को करना होगा। इसके बाद जियो स्पेक्ट्रम खरीद से पीछे हट गई।

समूह की इन कंपनियों के भी शेयर लुढ़के
कंपनी                                                  गिरावट (फीसदी में)

रिलायंस कैपिटल                                     10.00
रिलायंस पावर                                          9.68
रिलायंस नवल्स एंड इंजीनियरिंग               9.39
रिलायंस होम                                            8.83
रिलायंस इंफ्रा                                           6.41
रिलायंस निप्पॉन                                       1.58

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