राजस्थान मे भी गरमाया राजनीतिक माहौल, सचिन पायलट दिल्ली में, अशोक गहलोत की बढ़ी धडकनें

 

नई दिल्ली (एजेंसी) राजस्थान में भी मध्यप्रदेश की तरह राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ हैं. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच खींचतान हुई थी. वही स्थित राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच भी नजर आ रही हैं. राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं तो कांग्रेस के 24 विधायक हरियाणा में गुड़गांव के मानेसर के एक होटल में ठहरे हुए हैं.

सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं मध्यप्रदेश की कहानी राजस्थान में भी दोहराई जा सकती हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान की खबरें लगातार सामने आ रही हैं.  पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं और पार्टी के 24 विधायक हरियाणा के होटल में रुके हुए हैं. विधायकों के फोन बंद आने की भी खबर हैं. और उन्होंने कथित तौर पर पार्टी के नेतृत्व से संपर्क तोड़ लिया है.

दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के बाद उसकी गाड़ी अब राजस्थान पहुंच चुकी है. सीएम ने कहा कि भाजपा यहां सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन दे रही है. इन सब घटनाओं से राजस्थान में सियासी हलचल बहुत तेज हो गई है.  

सीएम द्वारा दिए जा रहे बयान इन बातों को और पुख्ता कर रहे हैं.  मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग जहां महामारी से लड़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वहीं ये (भाजपा नेता) लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़ फोड़ करें, खरीद फरोख्त करें इन तमाम काम में लगे हैं।

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राजस्थान और मध्यप्रदेश का घटनाक्रम बहुत हद तक एक जैसा नजर आ रहा हैं. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा दिलवाया और इसका परिणाम कमलनाथ को सत्ता गंवाकर चुकाना पड़ा. इस्तीफे से पहले विधायकों को भाजपा शासित राज्यों में ठहराया गया था. वहीं, राजस्थान के 24 कांग्रेस विधायकों को भी भाजपा शासित राज्य हरियाणा में ठहराया गया है। ये सभी विधायक गुड़गांव के मानेसर के एक होटल में ठहरे हुए हैं। कमलनाथ को युवा सिंधिया से चुनौती मिली थी, दूसरी तरफ गहलोत को पायलट से चुनौती मिल रही है. सचिन पालयट पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.

सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को जब कैबिनेट बैठक की तो, उसमें बतौर उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी शामिल होना था। लेकिन वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बैठक में पायलट के समर्थक मंत्री और विधायक भी नहीं पहुंचे। हालांकि, पायलट ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कोई बयान नहीं दिया।

शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देर रात कई विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन पत्र सौंपे और गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया। देर रात राजस्थान की सीमा भी सील कर दी गई है। बिना पास राजस्थान से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि सरकार ने कोरोना संक्रमण को सीमा सील करने की वजह बताया, लेकिन माना जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देख विधायकों के बाहर जाने की आशंका में फैसला किया गया है।

राजस्थान विधानसभा में 200 सदस्य हैं, जिसमें कांग्रेस के 107 विधायक हैं. वहीं, उसे 13 स्वतंत्र विधायकों का समर्थन भी हासिल है.  इसके अलावा उसे आरएलडी के एक विधायक सुभाष गर्ग ने भी सरकार को समर्थन दिया हुआ है. गर्ग वर्तमान में मंत्री भी हैं. इस तरह गहलोत सरकार को 121 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. वहीं, भाजपा के पास केवल 72 विधायक हैं.

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