यूपी: उन्नाव रेप केस की पीड़िता के साथ सड़क हादसा, हालत गंभीर, चाची-मौसी की मौत पर विधायक के खिलाफ एफआईआर

नई दिल्ली (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड की पीड़िता का परिवार रविवार को सड़क हादसे का शिकार हो गया। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। हादसे में पीड़िता और उसके वकील बुरी तरह जख्मी हो गए जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आरोपी होने की वजह से इस घटना के पीछे कई और वजहों की भी तलाश की जा रही है। हादसे के बाद ट्रक के ड्राइवर को हिरासत में लिया गया है, ट्रक यूपी के ही फतेहपुर का है। पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं, परिवार उन्हीं से मिलने के लिए जा रहा था।

सड़क हादसे का शिकार हुई उन्नाव की रेप पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है। लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि एक्सीडेंट के कारण उसके फेफड़ों में चोट लगी है। कुछ समय के लिए पीड़िता को वेंटिलेटर पर रखा गया था। उसका ब्लड प्रेशर गिर रहा है। इसके अलावा पीड़िता के दाहिने कॉलर की हड्डी, दाईं ओर की कुछ पसलियां, दाहिने हाथ और दाहिने पैर में फ्रैक्चर है।

इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश का केस दर्ज कराया गया है। विधायक के खिलाफ FIR पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराई है। पीड़िता के चाचा फिलहाल रायबरेली की जिला जेल में बंद हैं। एफआईआर में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सेंगर भी नामजद हैं। इसमें 10 नामजद और 15-20 अन्य अज्ञात के खिलाफ के केस दर्ज है। भारतीय दंड संहिता की 302, 307, 506 120B की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

इस सड़क दुर्घटना को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हादसे के बाद दो चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। पहली ट्रक के नंबर प्लेट पर कालिख लगी थी और दूसरी कि सरकार की ओर से मुहैया कराए गए सुरक्षाकर्मी साथ नहीं थे। इस बीच पीड़िता की बहन ने बड़ा आरोप लगाया है। उसने कहा कि विधायक समर्थक लगातार सुलह समझौते को लेकर धमकी दे रहे हैं। केस में पैरवी कर रही चाची को जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़िता की बहन ने गांव के तीन युवकों पर डराने व धमकाने का आरोप लगाया है।

पुलिस इस मामले में हत्या की साजिश और हादसा, दोनों मानकर जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश के एडीजी राजीव कृष्णन ने बताया, “ट्रक के नंबर पर पेंट के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन उसकी भी फोरेंसिक जांच होगी। एडीजी ने कहा कि 9 पुलिसकर्मी सुरक्षा में हैं, लेकिन वो आज साथ क्यों नहीं थे, इसके लिए एसपी उन्नाव को जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि प्रथम दृष्टया पता चला है कि आज इन्होंने खुद ही सुरक्षा कर्मियों के लिए मना कर दिया था।”

वहीं इस मामले ने अब सियासी रंग लेना भी शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी को इस घटना के जरिए योगी सरकार और बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया है। अखिलेश यादव ने सड़क हादसे की सीबीआई जांच की मांग की है। एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, “घटना की जांच सीबीआई से करानी चाहिए, घटना से बीजेपी की विधायक जुड़ा है और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। प्रदेश में जंगल राज है और अपराधी बेखौफ हैं।” समाजवादी पार्टी इसे सड़क दुर्घटना मानने को तैयार नहीं है। पार्टी का कहना है कि वो पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च भी उठाएगी।

जून 2017 में उन्नाव रेप केस के बाद यूपी की सियासत में सनसनी फैल गई थी। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के ही एक विधायक पर नाबालिग के साथ रेप करने का आरोप लगा था। उस वक्त महज 3 महीने पुरानी योगी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। पीड़ित नाबालिग ने आरोप लगाया था कि जब वो अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने गई थी तब विधायक कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उसका रेप किया। विधायक और उसके समर्थकों ने पुलिस में शिकायत नहीं करने का भी दबाव डाला।

3 अप्रैल को पीड़िता के पिता के साथ विधायक के भाई ने मारपीट की, जिसके बाद पुलिस की हिरासत में ही लड़की के पिता की मौत हो गई। आरोप लगा कि विधायक के भाई और समर्थकों ने पुलिस की मौजूदगी में मारा-पीटा था। प्रशासन ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। और फिर सीबीआई ने ही कुलदीप सेंगर को गिरफ़्तार किया। कुलदीप सेंगर के खिलाफ माखी थाने में बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। उन्नाव के बांगरमउ सीट से विधायक और बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर इस कथित रेप कांड में फिलहाल जेल में बंद है।

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