यूपी: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी सरकार, फ्री होगा रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में 25% की छूट

लखनऊ (एजेंसी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत राज्य में पांच साल के दौरान 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बैठक के बाद बताया, “इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने वाली नई नीति को मंजूरी दी गई है। इसके तहत पांच साल में 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार इसकी मेगा यूनिट लगाने वाले को जमीन खरीदने पर मार्केट या सर्किल रेट का 25 फीसदी अनुदान सहित कई सुविधाएं देगी। चार्जिग स्टेशन के लिए निजी निवेशक को कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी।”

उन्होंने बताया, “मेगा एंकर यूनिट जो अम्ब्रेला पॉलिसी में परिभाषित नहीं है, उन्हें यहां फायदा मिलेगा। यह मुख्य पॉलिसी के अतिरिक्त है। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर 100 प्रतिशत या 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी होगी। दोपहिया पर 10 हजार, तिपहिया पर 20 हजार और बड़े वाहनों पर 40 हजार या 50 लाख तक अनुदान मिलेगा। रजिस्ट्रेशन फ्री होगा और रोड टैक्स में 25 छूट मिलेगी। कस्ट के आधार पर चार्जिग दर तय होगी।”

  • बैठक में सबसे पहले योगी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार जाताया। इसके बाद अनुच्छेद 370 पर कैबिनेट से बधाई प्रस्ताव पास हुआ।
  • शर्मा ने बताया कि बैठक में आरटीआई नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब केवल फाइल से सम्बन्धी सूचना दिए जाने की बाध्यता है। काल्पनिक सूचना या फाइल से जुड़ी सूचना न होने पर नहीं दी जाएगी।
  • मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री निराश्रित-बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना को भी मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत पहले चरण में एक लाख ऐसे गौवंश को किसानों और इच्छुक लोगों को पालने के लिए दिया जाएगा। इसके बदले में इनको तीस रुपये रोजाना खाते में दिए जाएंगे। अभी तीन महीने का पैसा दिया जाएगा। फिर हर महीने 900 रुपये खाते में डाले जाएंगे। बता दें कि 2012 की पशुगणना के अनुसार, राज्य में 20,5.66 लाख गोवंश हैं। इनमें 10-12 लाख निराश्रित गोवंश हैं। 523 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिन्हें अनुदान मिल रहा है। पहले चरण में एक लाख गौवंश को सुपूर्द करने का प्रस्ताव है, जिनपर 109.50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिलाधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी इसका अनुपालन करेंगे।
  • सहारनपुर मंडल में आयुक्त कार्यालय के निर्माण के लिए ग्राम विकास विभाग की जमीन देने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।
  • शर्मा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने सोनभद्र में रिहन्द जल क्षेत्र में 150 मेगावाट का लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट लगाने को मंजूरी दे दी, जिसपर 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उप्र पॉवर कॉरपोरेशन 3.36 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदेगा। निजी कम्पनियों को कम्प्टेटिव बिडिंग के जरिए निर्माण के लिए आमंत्रित किया गया है। कंपनियों का चयन किया जा चुका है। यह देश का सबसे बड़ा लोटिंग पॉवर प्लांट होगा।
  • इसके अलावा, सहकारी विकास बैंक लिमिटेड के कर्ज के लिए नाबार्ड के पक्ष में शासकीय गांरटी को मंजूरी दे दी गई। 1500 करोड़ रुपये की शासकीय गांरटी अब 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई।
  • सरकार ने नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्च रिंग क्लस्टर के लिए यूपीडेस्को को दी गई धनराशि का ब्याज माफ कर दिया। ब्याज की राशि 6.99 करोड़ रुपये थी।
  • प्रदेश में जमीन की उर्वरा बढ़ाने के लिए जिप्सम वितरण की नीति को मंजूरी दी गई। इसमें केंद्र 50 प्रतिशत अनुदान देता है, 25 प्रतिशत राज्य सरकार देगी। इस तरह से 75 प्रतिशत अनुदान किसान को मिलेगा। डीबीटी के माध्यम से इसका भुगतान होगा।
  • शर्मा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने क्रांति दिवस नौ अगस्त को एक ही दिन में विश्व रिकार्ड बनाने के लिए 22 करोड़ पौधे लगाने का निर्णय लिया है। कासगंज में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वृक्षारोपण समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
  • शर्मा ने बताया कि झांसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिग से सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के मानक नहीं थे। अब एमसीआई के मानक के तहत अब नियुक्ति होगी। पुराने 161 पदों के स्थान पर 313 पद सृजित किए गए हैं।
  • सरकार ने देवरिया जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने को भी मंजूरी दे दी।
  • मंत्रिमंडल ने खनिज नीति में बदलाव किया है। पट्टा लेने और देने वालों की जवाबदेही तय होगी। अगर पट्टा आवंटित कर तीन महीने में हस्तगत नहीं किया गया तो 10 हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माना दिया जाएगा। जिओ टैगिंग के आधार पर स्थान का चयन होगा। पहले पट्टा मूल्य के आधार पर दिया जाता था, अब खनन की मात्रा पहले तय कर दी जाएगी।
  • अब बालू खनन के पट्टे जियो मैपिंग के जरिए मिलेंगे। खनन का एस्टीमेट और री-एस्टीमेट जिलाधिकारी करेंगे।

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