नई दिल्ली(एजेंसी): यूनाइटेड किंगडम वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की पहली पीढ़ी अपूर्ण होने की संभावना है और यह सभी के लिए काम नहीं कर सकती है. प्रतिष्ठित मैगजीन लांसेट मेडिकल जर्नल में छपे एक आर्टिकल में बिंघम ने यह बातें कही हैं.
बिंघम ने कहा कि हमें यह भी नहीं पता कि क्या हमें कभी भी वैक्सीन मिलेगी या नहीं? उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वैक्सीन की पहली पीढ़ी अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण होने की संभावना है. वैक्सीन शायद संक्रमण को फैलने से ना रोकें लेकिन लक्षणों को कम कर सकती है. इसके अलावा ये शायद सभी लोगों के लिए काम ना करें.
बिंघम ने लिखा कि वैक्सीन टास्कफोर्स का मानना है कि जितनी वैक्सीन दुनियाभर में विकसित की जा रही हैं, उनमें से सारी या ज्यादातर असफल हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि टीकों के लिए वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता अरबों खुराक के लिए काफी अर्पाप्त है.
इससे पहले मंगलवार को इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों के एक अध्ययन में पाया था कि गर्मियों के दौरान ब्रिटिश लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी लगातार कम हो रही हैं. संक्रमण के बाद सुरक्षा का सुझाव लंबे समय तक नहीं चल सकता है और समुदाय में प्रतिरक्षा की क्षमता को कम करने की संभावना को बढ़ा सकता है. टेलीग्राफ अखबार ने बताया कि ब्रिटिश सरकार इस धारणा पर काम कर रही है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले की तुलना में अधिक घातक होगी.
लंदन के एक बड़े अस्पताल के प्रबंधन को अगले महीने की शुरुआत में कोविड-19 की वैक्सीन के पहले बैच को प्राप्त करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इस वैक्सीन का परीक्षण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और आस्ट्राजेनेका कंपनी मिलकर कर रहे हैं. ब्रिटेन के एक अखबार ने सोमवार को यह दावा किया.
‘द सन’ अखबार की खबर में कहा गया है कि देश की सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) दो नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह से टीके को जारी करने के संबंध में तैयारी कर रही है. खबर के अनुसार, ‘‘टीके का अभी परीक्षण हो रहा है, लेकिन लंदन के एक अग्रणी अस्पताल को टीके को हरी झंडी मिलते ही इसे प्राप्त करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.’’