नई दिल्ली (एजेंसी). पाकिस्तान (Pakistan) के कट्टरपंथी धार्मिक नेता मौलाना फजलुर रहमान ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को इस्तीफा देने के लिए दो दिन की मोहलत दी. उन्होंने खान को ‘पाकिस्तान का गोर्बाचोव’ बताते हुए कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के सयंम की परीक्षा लिए बिना पद छोड़ दें. इमरान खान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए शुरू आजादी मार्च के यहां पहुंचने पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि ‘संस्थाओं’ को नहीं बल्कि केवल पाकिस्तान के लोगों को इस देश पर शासन करने का अधिकार है.
यह भी पढ़ें :
भाजपा छत्तीसगढ़ में सता से दूर फिर भी बगावत के सुर
दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से “आजादी मार्च” शुरु किया था जो गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचा. इस रैली में रहमान के अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल लीग के नेता शामिल हुए.
यह भी पढ़ें :
राष्ट्रपति शासन की धमकी देना जनादेश का अपमान – शिवसेना
रहमान ने कहा, ‘25 जुलाई का चुनाव फर्जी है. हम न तो उसके नतीजों को स्वीकार करते हैं और न ही उस सरकार को जो उस चुनाव के बाद आई. पिछले एक साल से यह सरकार है लेकिन अब हम इसे और अधिक नहीं चाहते.’ उन्होंने कहा, ‘खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार ने अर्थव्यस्था को तबाह कर दिया है और देश के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है.’ रहमान ने कहा, ‘पाकिस्तान के गोर्बाचेव को जाना ही होगा. हमनें खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय दिया है अगर ऐसा नहीं होता तो हम भविष्य तय करेंगे.
यह भी पढ़ें
करतारपुर कॉरिडोर पर इमरान का न्यौता, सिद्धू ने मांगी विदेश मंत्रालय से इजाजत
उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारी शांत हैं लेकिन उनके संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. रहमान ने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान के इस्तीफे तक इस्लामाबाद में जमे रहे.’ रहमान ने कहा कि मोहलत के बावजूद मांग नहीं पूरी होने की स्थिति में विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों से परामर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने शक्तिशाली संस्थाओं (सैन्य बलों) को इस स्थिति में तटस्थ रहने की अपील की.
यह भी पढ़ें