लंदन (एजेंसी)। भारत में अपराध कर ब्रिटेन भागे आरोपियों के प्रत्यर्पण के मामले में भारतीय एजेंसियों को शनिवार को एक और झटका लगा है। हत्या मामले के आरोपी दंपती को ब्रिटिश कोर्ट ने भारत भेजने से इन्कार कर दिया है। इससे पहले भारतीय बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में सुनवाई की अनुमति मिल चुकी है।
वेस्टमिंस्टर कोर्ट में ताजा मामला भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक आरती धीर और उसके पति केवल रायजादा से संबंधित है। दोनों पर 11 साल के गोद लिए बच्चे गोपाल और उसके बहनोई की हत्या का आरोप है। चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने भारतीय अधिकारियों की प्रत्यर्पण की अर्जी नकार दी है।
बता दें कि अर्बथनॉट वही न्यायाधीश हैं जिन्होंने दिसंबर 2018 में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। लेकिन अब उन्होंने मानवाधिकारों के आधार पर आरती और केवल के प्रत्यर्पण की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। भारतीय अधिकारियों की अर्जी मानवाधिकारों के यूरोपीय यूनियन समझौते के चलते खारिज की गई है।
न्यायाधीश ने कहा, आरोपी दंपती को भारत में पूछताछ के दौरान प्रताड़ित किए जाने का खतरा है। हत्या का दोष सिद्ध होने पर मृत्यु दंड भी दिया जा सकता है। यूरोपीय यूनियन मृत्यु दंड को अमानवीय कृत्य मानता है, इसलिए दंपती को भारतीय एजेंसियों के हवाले नहीं किया जा सकता। ऐसे में मामले में दोबारा सुनवाई की अपील करते समय भारत सरकार को यह वचन देना होगा कि वह आरोपी दंपती को मृत्यु दंड नहीं देगा और अमानवीय प्रताड़ना नहीं देगा।
आदेश में कहा गया है कि दंपती के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। इसमें अन्य अपराधकर्मियों का साथ देने की बात कही गई है।