प्रयागराज (एजेंसी)| मकर संक्रांति के मौके पर कुंभ मेले का आगाज होने के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का मिलन स्थल माने जाने वाले पवित्र संगम में डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं का गवाह बनने के लिए भक्तों से आग्रह किया कि वे इस वर्ष भारी संख्या में इसका हिस्सा बनें। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने के बाद पहली बार कुंभ का आयोजन हुआ। इस धार्मिक-आध्यामिक-सांस्कृतिक मेले में अगले 45 दिनों तक देश-विदेश के 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी के किनारे 3,200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया गया है। यहां टेंट का किराया 2,100 रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति रात तक है। इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां पहुंचने वाले अखाड़ों और संतों के लिए डोर्मेटरी और टेंट स्टॉल लगाए गए हैं। आधिकारियों ने बताया कि कुंभ प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। संगम में 5 किलोमीटर के स्नान घाट पर आने-जाने के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की गई है और पोंटून पुलों का निर्माण किया गया है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन पुलों के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। मध्य रात्रि के बाद, देश और विदेश से मेले के लिए यहां जुटने वाले श्रद्धालु स्नान घाटों की ओर बढ़ने शुरू हो गए हैं। लोग भजन गा रहे हैं और मंत्रों का उच्चारण कर रहे हैं।
कुंभ मेले के लिए पदस्थ डीआईजी के. पी. सिंह ने बताया, ‘पहली बार कुंभ मेले में तीन महिला यूनिट्स की तैनाती की गई है, जो महिला श्रद्धालुओं को देखते हुए की गई है। साथ ही विदेशी हेल्प डेस्क भी 24 घंटे काम करेगा, क्योंकि विदेशियों की भी मेले में काफी रुचि होती है। विदेश मंत्रालय की एक इकाई के कल पहुंचने की उम्मीद है, जो विदेशी आगंतुकों की मदद करेगी।’ उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक और पुलिस बलों की तैनाती की गई है, साथ ही संगम की तरफ का यातायात 3,000 पुलिसकर्मी संभालेंगे।
अधिकारी ने बताया कि नहाने वाले घाटों पर चेंजिंग रूम और शौचालयों के इंतजाम किए गए हैं। कुंभ प्रशासन ने एक बयान में कहा, ‘इस बार कुंभ मेला में स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है। पिछले सालों में शौचालय नहीं होने के कारण लोग खुले में शौच करने पर मजबूर थे, लेकिन इस साल 1,20,000 शौचालयों का निर्माण किया गया है और सफाईकर्मियों की संख्या दोगुनी रहेगी, ताकि स्वच्छता बरकरार रहे। पिछले कुंभ मेला में केवल 34,000 शौचालय थे।’ घाटों पर दिवाली की तरह बेहतरीन रोशनी की गई है। घाट पर पहुंचे लोगों ने कड़ी सुरक्षा के बीच शाही स्नान शुरू होने का इंतजार किया।
पहला ‘शाही स्नान’ स्वर्ग का दरवाजा खोलता है, जिसकी शुरुआत मंगलवार को सुबह 5.30 बजे हुई और शाम 4.30 बजे तक चलेगा। सूर्योदय के ठीक पहले वह क्षण आ ही गया, जब आगंतुकों ने बेहद ठंडे जल में पवित्र डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री मोदी ने `शाही स्नान` शुरू होने के तुरंत बाद ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जो मेले की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक था।
इससे पहले सोमवार को कुंभ कांप्लेक्स के सेक्टर 13 में दिगंबर अखाड़ा में एक गैस सिलिंडर फटने से आग लग गई थी। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। इस आग की घटना के बाद हुई प्रेस वार्ता में अधिकारियों ने कहा, ‘हमने कम से कम समय में बिना किसी के हताहत हुए आग बुझाने में सफलता प्राप्त की। अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ के कर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई है।’
कुंभ मेला के दौरान 500 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह मेला 15 जनवरी से चार मार्च तक चलेगा। कुंभ मेला हर छह साल में आयोजित किया जाता है, जबकि महा कुंभ 12 साल में होता है। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 15 करोड़ श्रद्धालुओं के इसका हिस्सा बनने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक शहर और स्नान घाटों को जगमगाने के लिए 40,000 से अधिक एलईडी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है। कुंभ मेला चार मार्च को समाप्त हो जाएगा, संयोग से उस दिन महा शिवरात्रि भी पड़ रही है।