भूपेश बघेल : राजनीतिक सफ़र

(अविरल समाचार) गहरी हताशा और निराशा के दौर में दिसंबर 2013 में कांग्रेस की कमान संभालने वाले भूपेश ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचा ही दिया. वे अपनी आक्रमक शैली के लिए पहचाने जाते हैं. कांगेस को इस मुकाम तक लाने के लिए सड़क और सदन में लड़ाई लड़ी तो पार्टी के अंदर भी उन्होंने एक बड़ा फेरबदल करने के लिए संघर्ष किया और सफलता प्राप्त की. आइये जानते है छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री के राजनीतिक सफ़र के बारे में.

1990 के दशक में कांग्रेस से राजनीतिक की शुरुआत करने वाले बघेल अब तक वे पांच बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इस बीच वे 2008 में विधानसभा चुनाव भी हारे और दो बार लोकसभा चुनाव लड़कर पराजय का सामना कर चुके हैं। वर्ष 2003 से 2008 के बीच वे विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भी रहे। इस बार बघेल ने पाटन सीट से बीजेपी के मोतीलाल साहू को 26.477 मतों से पराजित किया। पिछड़ा वर्ग से आने वाले भूपेश बघेल मूल रूप से किसान है, वे एक संपन्न किसान परिवार से आते हैं।

बघेल ने लगातार भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष किया, जिसके चलते उन्हे काफी उत्पीड़न का भी शिकार होना पड़ा। उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से तमाम मामले दर्ज किए गए। राज्य के चर्चित सीडी कांड में उन्हे जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद उन्होने राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने का प्रयास किया। बघेल अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार एवं छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी सरकार में मंत्री रह चुके है।

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