पेट्रोल, डीजल की मांग में भारी गिरावट, अगस्त में अप्रैल के बाद सबसे कम रही डिमांड

नई दिल्ली (एजेंसी). देश में अगस्त में ईंधन की मांग में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह अप्रैल के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. कोरोना वायरस के कारण स्थानीय स्तर पर लगने वाले लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं, जिससे ईंधन की मांग प्रभावित हुई है.

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पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री पिछले महीने की तुलना में 7.5 फीसदी घटकर 1.43 करोड़ टन रह गई. वहीं एक साल पहले के अगस्त महीने की तुलना में बिक्री में 16 फीसदी की गिरावट आई है. वर्ष के दौरान अगस्त लगातार छठा महीना है जबकि पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले गिरावट आई है.

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अप्रैल 2020 में ईंधन की मांग रिकॉर्ड 48.6 फीसदी की गिरावट के साथ 94 लाख टन रही थी. उस समय सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया था. उसके बाद के दो महीनों में ईंधन की मांग कुछ सुधरी. लेकिन जुलाई से मासिक आधार पर मांग में लगातार गिरावट आ रही है. देश में सबसे अधिक बिकने वाले ईंधन डीजल की बिक्री अगस्त में 12 फीसदी गिरकर 48.4 लाख टन रह गई, जो जुलाई में 55.1 लाख टन थी. सालाना आधार पर डीजल की बिक्री में 20.7 फीसदी की गिरावट रही. इसी तरह अगस्त में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार 7.4 फीसदी घटकर 23.8 लाख टन रह गई. हालांकि जुलाई के मुकाबले इसमें 5.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गयी. जुलाई में 22.6 लाख टन पेट्रोल की बिक्री हुई थी.

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अगस्त में एलपीजी बिक्री सालाना आधार पर पांच फीसदी घटकर 22 लाख टन रही. वहीं मिट्टी तेल की मांग 43 फीसदी घटकर 1,32,000 टन रह गई. माह- दर- माह आधार पर इनकी बिक्री लगभग स्थिर रही. उद्योग सूत्रों का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री को कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंचने में तीन-चार माह लगेंगे. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इससे पहले कहा था कि त्योहारी सीजन के दौरान पेट्रोलियम की मांग सामान्य हो जाएगी, लेकिन कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से अभी मांग सामान्य नहीं हो पा रही है.

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अगस्त में नाफ्था की बिक्री जुलाई की तुलना में 16 फीसदी घटकर 10.7 लाख टन रही. अगस्त, 2019 के 14 लाख टन की तुलना में यह 24 फीसदी कम है. सड़क निर्माण में काम आने वाले बिटुमन की बिक्री सालाना आधार पर 39.1 फीसदी बढ़कर 3,16,000 टन पर पहुंच गई. हालांकि, मासिक आधार पर इसमें 18 फीसदी की गिरावट आई.

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