नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को रवाना हो गए। वह आज ह्यूस्टन में हुए ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की तर्ज पर आयोजित किए जा रहे सामुदायिक कार्यक्रम ‘स्वासदी पीएम मोदी’ में लोगों को संबोधित करेंगे। उनका यह दौरा व्यापार, समुद्री सुरक्षा एवं संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। इस दौरान वह आसियान-भारत, पूर्वी एशिया और आरसीईपी शिखर सम्मेलनों में भी हिस्सा लेंगे।
बता दें कि बैंकॉक में होने वाली 16 एशियाई देशों की व्यापारिक बैठक के दौरान रीजनल क्रॉम्प्रहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) का एलान होना है, जिस पर दुनिया की निगाहें हैं।
दरअसल, नानथाब्यूरी में होने वाले आसियान सम्मेलन से पहले सबकी नजरें आरसीईपी व्यापार समझौते पर है। बताया जा रहा है कि अगर इस समझौते को अंतिम रूप देने में कामयाबी मिलती है तो दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाया जा सकेगा।
हालांकि, आखिरी वक्त में भारत द्वारा अतिरिक्त शर्तों को रखने से एशियाई देशों के बीच होने वाले क्षेत्रीय समझौते की घोषणा मुश्किल में पड़ गई है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में सदस्य देश आरसीईपी पर शुल्क को कम करने पर मोटे तौर पर किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे।
आरसीईपी 16 देशों के बीच होने वाला मुक्त व्यापार समझौता है जिससे इन देशों के बीच होने वाले व्यापार को आसान बनाया जा सकेगा। इन देशों के बीच पारस्परिक व्यापार में टैक्स में कटौती के अलावा कई तरीके की आर्थिक छूट दी जाएगी। इन 16 देशों में 10 आसियान समूह के और छह देश वे हैं जिनके साथ आसियान देशों का मुक्त व्यापार समझौता है। मुक्त व्यापार समझौते का मतलब दो या दो से ज्यादा देशों के बीच ऐसा समझौता है जिसमें आयात और निर्यात की सुगमता को बढ़ाया गया हो। ऐसे समझौते के सदस्य देश टैक्सों को घटाते हैं और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करते हैं।