हेग (एजेंसी)। पाकिस्तान को कड़ा संदेश भेजते हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में सोमवार को कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई में भाग लेने वाले पहुंचे पाकिस्तान के राजनयिक ने जैसे ही भारतीय अधिकारियों से हाथ मिलाने की कोशिश की उन्होंने हाथ जोड़ लिए।
सुनवाई से पहले, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल के पास गए और उनसे हाथ मिलाना चाहा, लेकिन मित्तल ने उनसे हाथ नहीं मिलाया बल्कि उन्हें हाथ जोड़कर नमस्ते किया। मित्तल ने पाकिस्तान के विदेश दफ्तर के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं दक्षेस के महानिदेशक मोहम्मद फैसल को भी हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इसके बाद अन्य भारतीय अधिकारियों ने भी पाकिस्तान के किसी भी राजनयिक से हाथ ना मिलाते हुए केवल नमस्ते किया।
भारत ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से अनुरोध किया कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दिये गये मृत्युदंड को निरस्त किया जाए और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिये जाएं। भारत ने कहा कि यह मामला कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करता है। आईसीजे में भारत और जाधव का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें इस अदालत में भरोसा उत्पन्न नहीं कर सकतीं । भारत जाधव की दोषसिद्धि को निरस्त करने तथा यह निर्देश देने का अनुरोध करता है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। कुलभूषण जाधव की फांसी दिए जाने के खिलाफ भारत मई 2017 में आईसीजे की शरण में गया था।