जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर पाक ने मानी हार, विदेश मंत्री ने कहा UN सुरक्षा परिषद में समर्थन मिलना मुश्किल

नई दिल्ली (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार हार मान ली है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने माना है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को समर्थन मिलना मुश्किल है। भारत की ओर से पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

शाह महमूद कुरैशी ने कहा, “यूएन सुरक्षा परिषद में हमें समर्थन मिलना मुश्किल है, हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए। पाकिस्तानी और कश्मीरियों को ये जानना चाहिए कि कोई आपके लिए खड़ा नहीं है, आपको जद्दोजहद करनी होगी, जज्बात उभारना आसान है। बाएं हाथ का काम है मुझे दो मिनट लगेंगे, लेकिन मसले को आगे ले जाना कठिन है। सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य हैं कोई भी वीटो का इस्तेमाल कर सकता है।”

शाह महमूद कुरैशी ने आगे कहा, “संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍यों के भी निजी हित भारत से हैं और उन्‍होंने वहां पर अरबों का निवेश किया हुआ है। ऐसे में वह पाकिस्‍तान का साथ देंगे यह बेहद मुश्किल है।” हालांकि उन्होंने कहा कि देश कश्मीरियों के मुद्दे पर हर मंच पर लड़ रहा है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी ईद-उल-अजहा के मौके पर कश्मीरियों को एकजुटता का संदेश देने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में रविवार की रात ही पहुंच गए थे। यहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीरियों की आजादी की लड़ाई एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने व्यापक प्रयासों में तुर्की, ईरान और इंडोनेशिया सहित विश्व के नेताओं से संपर्क किया है, ताकि उन्हें कश्मीर पर भारत द्वारा उठाए गए एकतरफा कदम से अवगत कराया जा सके।

कुरेशी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘विवादित’ तौर पर माना जाता है। इसलिए इस पर राजनीतिक और अन्य हितों से ऊपर उठकर ही कोई भी फैसला होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद ने कश्मीर के मुद्दे को फिर से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में ले जाने का फैसला किया है, जिसमें चीन ने इसके लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

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