नई दिल्ली (एजेंसी)। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की वेबसाइट ने उस नक्शे को हटा दिया है, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया था। शुक्रवार को ही चीन ने बीआरआई के दूसरे समिट में चीन ने अपने एक नक्शे में पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया था।
चीन के इस कदम पर सबको हैरानी भी हुई थी, लेकिन ठीक एक दिन बाद ही चीन पलट गया। इससे पहले बीजिंग में बीआरआई के दूसरे समिट में चीन ने अपने एक नक्शे में पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया था। बीआरआई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे पसंदीदा परियोजना है। इस परियोजना का मकसद दुनियाभर में चीन के निवेश से बुनियादी परियोजनाओं का विकास करना और चीन के प्रभुत्व को बढ़ाना है।
बीजिंग में तीन दिन तक चलने वाले बीआरआई के दूसरे समिट का भारत ने बहिष्कार किया है। इससे पहले 2017 में इसके पहले समिट में भी भारत शामिल नहीं हुआ था। इस समिट में 37 देश शामिल हो रहे हैं। चीन की बीआरआई का भारत इसलिए विरोध कर रहा है, क्योंकि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है। भारत इसको अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताता है। भारत का कहना है कि पीओके भारत का हिस्सा है और उस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। ऐसे में भारत की इजाजत के बिना चीन पीओके से आर्थिक गलियारा नहीं बना सकता है।
आमतौर पर अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक जमाने वाला चीन बीआरआई के दूसरे समिट में एक नक्शा दिखाते हुए उसने पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया था। इस नक्शे में भारत को भी बीआरआई का हिस्सा दिखाया गया। ये नक्शा चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने पेश किया था। पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत में शामिल करना चीन का ये कदम हैरान कर देने वाला था, क्योंकि हाल ही में चीन ने ऐसे हजारों नक्शे नष्ट किए थे जिनमें अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर दिखाया जाता रहा है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में चीन के सरकारी चैनल CGTN ने पाकिस्तान के नक्शे से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को अलग दिखाया था।