कड़ाके की सर्द में भी CAA के खिलाफ प्रदर्शन, संविधान बचाने में खो गई पहचान

नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर से आवाजें उठी हैं. कोलकाता से लेकर असम तक और मुंबई से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में CAA और NRC के खिलाफ ऐसा आंदोलन चल रहा है, जिसने शाहीन बाग की सर्द रातों में गर्मी घोल दी है.

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सैकड़ों की तादाद में औरतें अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीच सड़क पर ताने गए अस्थायी तंबू के नीचे गर्मजोशी से डटी हुई हैं. इस विरोध प्रदर्शन में भारत माता, इंसानियत और हिंदुस्तानियत भी शामिल है. कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर जमीं प्रदर्शनकारी महिलाओं में इतना जोश है कि उन्हें देश के संविधान को बचाने की ललक के सामने अपनी पहचान छुपानी पड़ रही है. दरअसल, प्रदर्शनकारी कई महिलाओं ने मीडिया से बातचीत में अपनी पहचान बताने की बजाय अपना नाम भारत माता, इंसानियत और हिंदुस्तानियत बताया.

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वहीं एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैं अपना नाम नहीं बताऊंगी. उन्हें अपनी पहचान बताने से सुरक्षा का डर है. उन्होंने कहा मैं रोज इस प्रदर्शन में शामिल हो रही हूं, मुल्क को बचाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं. उन्होंने कहा कि जो बातें स्टेज पर बताई जा रही हैं, उन्हें ध्यान से सुना क्योंकि वो जरूरी बातें हैं.

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वहीं प्रदर्शनकारी जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पी एचडी की छात्रा इल्फा ने कहा, हमें लगता है गवर्नमेंट बहुत ज्यादा कंफ्यूज है. सरकार से ज्यादा हमें संविधान की समझ है. तभी हम एक ही चीज की डिमांड कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार ट्रांसपेरेंसी लाए. उन्होंने कहा कि जब सरकार कानून लेकर आई है तो उसे क्लियर भी करे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता इस मामले पर खुलकर बात करें. उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी सवालों को छोड़कर देश को बांटने का एजेंडा बना रही है.

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