कमलेश तिवारी हत्याकांड: गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी, 4 साल से कर रहे थे हत्या की साजिश

लखनऊ (एजेंसी)। आखिरकार पांच दिनों बाद लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले आरोपी कानून के शिकंजे में आ ही गए। कल गुजरात एटीएस ने दो आरोपी अशफाक शेख और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। कमलेश तिवारी की हत्या साजिश गुजरात के सूरत में रची गई थी और इसे अंजाम यूपी की राजधानी लखनऊ में दिया गया।

शुरुआती पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि कमलेश तिवारी के भड़काऊ बयानों का बदला लेने के लिए ही इन्होंने उनकी हत्या की थी। चौंकाने वाली बात ये है कि कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश करीब चार साल से रची जा रही थी। साजिश रचने वाले आरोपी सूरत के लिंबायत इलाके के हैं। सूरत के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रची गई। ग्रीन व्यू के 108 नंबर फ्लैट में मोइनुद्दीन पठान रहता था और 303 नंबर का जो मकान है वो अशफाक का है। हत्या की साजिश में शामिल फैजान, रशीद और मोहसिन को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

राशिद कंप्यूटर का जानकार है और दसवीं की पढ़ाई के बाद दुबई चला गया था। राशिद ने ही साल 2015 में कमलेश तिवारी के बयान के बाद उनकी हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। रशीद शेख दो महीने पहले दुबई से लौटा है। उसने अशफाक, मोइनुद्दीन फरीद, फैजान और मोहसिन के साथ मिलकर कमलेश की हत्या की योजना बनाई। हत्या को अंजाम देने के लिए इन पांचों की 50 से ज्यादा बैठकें हुईं। रशीद के उकसाने पर ही मोइनुद्दीन फरीद, अशफाक के साथ लखनऊ जाने के लिए तैयार हुआ।

इस तरह कमलेश तिवारी की हत्या की पूरी साजिश रची गई और इसे अशफाक और मोइनुद्दीन ने अंजाम दिया। अशफाक शेख 34 साल का और मोइनुद्दीन पठान 27 साल का है। गुजरात आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) के पुलिस उपमहानिरीक्षक हिमांशु शुक्ला ने बताया कि गुजरात-राजस्थान सीमा पर शामलाजी के पास से उन्हें तब गिरफ्तार किया गया, जब वे गुजरात में घुसने वाले थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तकनीकी सर्विलांस के जरिए उनकी स्थिति का पता लगाया गया, जब दोनों ने फरार होने के बाद अपने परिवार और दोस्तों से बात की।

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