कनाडा में ‘सरदारों’ की सरकार, पंजाबियों ने 19 संसदीय सीट पर जीत हासिल की

नई दिल्ली (एजेंसी)। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के बहुमत से पिछड़ जाने के बाद यहां के सिख नेता सरदार जगमीत सिंह ‘किंगमेकर’ बनकर उभरे हैं। मौके की नज़ाकत को भांपते हुए जगमीत सिंह ने ट्रूडो की तरफ समर्थन का हाथ बढ़ा दिया है। जगमीत के पूर्वज पंजाब में बरनाला जिले के थिखरिवाल गांव के रहने वाले थे। इस गांव के लोग जगमीत सिंह की जीत से खुश तो हैं, लेकिन उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि जगमीत कनाडा के प्रधानमंत्री नहीं बन सके।

कनाडा के आम चुनाव में पंजाबियों ने फिर अपना परचम लहराते हुए 19 संसदीय सीटों पर जीत हासिल की है। कनाडा में महज 3.5 फीसदी जनसंख्या वाले पंजाबी मूल के लोगों ने ब्रैंप्टन में क्लीन स्वीप किया। सबसे अधिक लिबरल पार्टी के पंजाबी मूल के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इन चुनावों में लिबरल पार्टी ने 20, कंजर्वेटिव ने 16, एनडीपी ने 12 और पीपुल्स पार्टी ने भारतीय मूल के पांच उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा था, जिनमें से 50 पंजाबी उम्मीदवार मैदान में थे। वैंकुवर से पंजाबी मूल के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन, सरींह से रणदीप सिंह सराय, सरींह के न्यूटन से सुख धालीवाल, माल्टन मिसीसागा से मंत्री नवदीप बैंस, मिसीसागा से गगन सिकंद, ब्रैंप्टन सेंट्रल से रमेश संघा, ब्रैंप्टन ईस्ट से मनिंदर सिद्धू, ब्रैंप्टन वेस्ट से कमल खैहरा, ब्रैंप्टन से रूबी सहोता, ब्रैंप्टन साउथ से सोनिया सिद्धू, वाटरलू से बरदीश चग्गर, किचनर से राज सैनी, ओकविला से अनिता आनंद और क्यूबिक से अंजू ढिल्लों ने लिबरल की टिकट पर जीत हासिल की। नेपियन से चंद्र आर्य भी विजयी हुए हैं। वे मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। ये सभी लिबरल पार्टी के हैं।

एनडीपी पार्टी के अध्यक्ष और पीएम पद के उम्मीदवार जगमीत सिंह ने बरनबी से जीत हासिल की है। जगमीत सिंह की पार्टी ट्रूडो के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। वहीं कंजरवेटिव पार्टी की टिकट पर पूर्व मंत्री टिम उप्पल ने मिलफूड एडमिंटन, कैलगरी से जसराज सिंह, कैलगरी के स्काईव्यू से जैग सहोता और मराखम से बोब सरोया ने जीत हासिल की है।

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