ओवैसी बोले- अमेरिका ने भारत को पाक के बराबर खड़ा किया, गले मिलना काम नहीं आया

नई दिल्ली(एजेंसी): एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. ओवैसी का कहना है कि ‘USCIRF ने धार्मिक स्वतंत्रता की लिस्ट में पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और सीरिया के बराबर रखा. इससे ये साफ हो गया है कि पीएम मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गले मिलना काम नहीं आया.’

ओवैसी ने एक ट्वीट कर लिखा, “पीएम मोदी ने ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन किया. इसके बावजूद USCIRF (यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम) ने भारत को बर्मा, पाकिस्तान, उत्तरी कोरिया और सीरिया के बराबर रख दिया. साथ ही भारत के खिलाफ प्रतिबंध की सिफारिश की है. साफ है कि गले लगाना काम नहीं आया. बेहतर है कि अगली बार आप कुछ डिप्लोमेसी दिखाएं.”

असदुद्दीन ओवैसी ने USCIRF का एक ट्वीट शेयर किया है. इस ट्वीट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में खतरनाक तरीके से धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किया गया.

भारत ने अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता पर एक आयोग की आलोचनाओं को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि अल्पसंख्यकों की दशा पर उसकी टिप्पणियां पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण हैं. अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी सालाना रिपोर्ट के 2020 के संस्करण में आरोप लगाया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में चीजें नीचे की ओर जा रही हैं और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम यूएससीआईआरएफ की सालाना रिपोर्ट में भारत को लेकर की गयी टिप्पणियों को खारिज करते हैं. भारत के खिलाफ उसके ये पूर्वाग्रह वाले और पक्षपातपूर्ण बयान नये नहीं हैं. लेकिन इस मौके पर उसकी गलत बयानी नये स्तर पर पहुंच गयी है.’’

अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार चली गई और इससे मरने वाले लोगों की संख्या 59,000 के करीब पहुंच गई है. हालांकि कई राज्यों ने संक्रमण और मौत के मामलों में गिरावट के संकेतों के बीच अपनी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अमेरिका मंगलवार को दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां कोरोना वायरस के मामले 10 लाख के पार चले गए. यह दुनियाभर में आए 31 लाख मामलों का करीब एक तिहाई है. वहीं अमेरिका में करीब 59,000 लोगों की मौत के साथ ही दुनियाभर में 2,13,000 से अधिक लोगों की मौत की यह एक चौथाई संख्या है.

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