इस्लामिक स्टेट का नेता अबू बगदादी ज़िंदा है, नए वीडियो में श्रीलंका धमाकों की प्रशंसा कर रहा

कोलंबो (एजेंसी)। इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS) के नेता ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 250 से अधिक लोगों के मारे जाने की प्रशंसा कर रहा है। ये वीडियों और किसी आतंकी नहीं, बल्कि इस्लामिक स्टेट अतंकी समूह के नेता अबू बकर अल-बगदादी का है। बगदादी का ये वीडियो पांच साल बाद सामना आया है। वीडियो सामने आते ही सनसनी मच गई है, क्योंकि कई बार बगदादी की मौत की खबरें में सामने आती रहीं है। वीडियो में दिखाया गया है कि बगदादी जैसी दिखने वाला शख्स श्रीलंका में हुए हमलों को बगूस (सीरिया) हमले का बदला बता रहा है।

इसी बीच श्रीलंका में नकाब से चहरा ढकने पर रोक लगा दी है। दरअसल, हमलों के बाद से ही पुलिस अधिकारी और सैनिक वहां तलाशी अभियान चला रहे है। 18 मिनट के इस वीडियो में बगदादी के साथ तीन लोगों और है। ये सभी एक सफेद कमरे के अंदर राइफलें लेकर बैठे हुए है। वीडियो में दिखाया गया कि उन्होंने श्रीलंका में हुए हमलों पर भी चर्चा की। अल-बगदादी ने हमलावरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बम धमाके बगूज सीरिया में हुए बदला लेने के लिए किया गया था। साथ ही बगदादी ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को श्रीलंका के धर्मयोद्धाओं (समाज सुधारक) के दिलों में चुभने वाला कांटा बताया। हालांकि, श्रीलंका में हुए धमाकों के पीछे वहां के अधिकारियों ने स्थानीय आतंकवादियों का हाथ बताया है। अधिकारियो ने आतंकवादी मोहम्मद ज़हरान और उसके अनुयायियों को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

धमाकों के बाद अधिकारियों ने जो विस्फोटक बरामद किए थे उनपर इस्लामिक स्टेट के हॉलमार्क लगा हुआ था। श्रीलंका की सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्सा काफी बढ़ गया है जब लोगों को पता चला की हमले के बारे में पहले ही चेतावनी जारी की गई थी। कार्डिनल मैल्कम रंजीथ, कोलंबो के आर्कबिशप और द्वीप पर कैथोलिक चर्च के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चर्च लोगों को कानून अपने हाथ में लेने से नहीं रोक सकता अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो।

रंजीथ ने कहा कि सभी सुरक्षा बलों को एक साथ मिलकर युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि यदि सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते तो वो ज्यादा दिन तक लोगों को नियंत्रण में नहीं रख पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम हमेशा उन्हें झूठे वादे नहीं दे सकते और ना ही उन्हें शांत रख सकते हैं। रंजीथ ने हालांकि, ये आश्वस्त करने की कोशिश की कि चर्च उनके खिलाफ किसी भी तरह के हमले की अनुमति नहीं देगा। बता दें कि ईस्टर के मौके पर हुए हमले के बाद दोबारा धमाके ना हो इस डर से चर्च में भीड़ को इकट्ठा होने से मना किया गया है।

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