आर्सेलर मित्तल ने शुरू की एस्सार स्टील अधिग्रहण के 42 हजार करोड़ रुपयों की भुगतान प्रक्रिया

मुंबई (एजेंसी). लंबे इंतजार के बाद एस्सार स्टील (Essar Steel) के लेनदारों को राहत मिल गई है. दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल (Orselar Mittal)ने शुक्रवार को एस्सार स्टील के लिए तमाम देनदार बैंकों को 42 हजार करोड़ रुपए भुगतान प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. इस राशि का बंटवारा सोमवार तक सभी बैंकों को हो जाएगा. गौरतलब है कि एस्सार स्टील दिवालिया हो चुकी है और यह इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत रिकवरी होगी। यह भारत के इतिहास में बैंकों की अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है.

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भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड के लागू होने के बाद से इस सबसे बड़ी रिकवरी में एस्सार स्टील पर बकाया 49,046 करोड़ रुपए में से 40 हजार करोड़ रुपए के भुगतान से 90 प्रतिशत बैंकों को चुकता हो जाएगा. इसके अलावा प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1196 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा.

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भारतीय मूल के अरबपति लक्ष्मी मित्तल के आधिपत्य वाले आर्सेलर मित्तल द्वारा किए गए भुगतान का सबसे बड़ा हिस्सा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को जाएगा, जिसे 13,226 करोड़ रुपए में से 12,161 करोड़ मिलेंगे. वहीं आईडीबीआई बैंक को 2481 करोड़ में से 2282 करोड़, कैनरा बैंक को 3798 करोड़ में से 3493 करोड़, स्टैंडर्ड चार्डेट बैंक को 3557 करोड़ में से 60.71 करोड़ रुपए और इसी तरह अन्य 23 बैंकों-देनदारों को भुगतान किया जाएगा.

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सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि कर्ज में डूबी कंपनी एस्सार स्टील का अधिग्रहण अधिग्रहणकर्ता के 23 अक्तूबर, 2013 के रिजॉल्यूशन प्लान के अनुसार होगा। क्रेडिटर्स की समिति ने आर्सेलर मित्तल और उसके साझेदार जापान के निप्पॉन स्टील एवं सुमितोमो मेटल कॉर्प को सफल आवेदक घोषित करने के लिए एक आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) पिछले साल अक्तूबर में जारी कर दिया था। अधिग्रहण के लिए सफल आवेदक बनने की खबर एस्सार स्टील के प्रोमोटर्स ने लेनदारों की सभी देनदारियां खत्म करने के लिए 47,507 करोड़ रुपये के साथ कुल 54,389 करोड़ रुपये का भुगतान करने और कंपनी को दिवालियापन प्रक्रिया से बाहर निकालने की पेशकश के एक दिन बाद आई है।

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