नई दिल्ली (एजेंसी)। विश्व की विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह G-7 दुनिया के सबसे बड़े वर्षा वन अमेजन में लगी भीषण आग से निपटने के लिए 2.2 करोड़ डॉलर खर्च करने को सहमत हुआ है। मुख्य रूप से इस रकम का उपयोग आग बुझाने के लिए विमानों को भेजने में किया जाएगा। इस समूह के सदस्य देशों में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और चिली के सेबेस्टियन पिनेरा ने शिखर सम्मेलन में कहा कि समूह के देश एक मध्य अवधि के पुन:वनरोपण योजना को सहयोग करने के लिए भी सहमत हुए हैं, जिसकी शुरुआत सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में की जाएगी।
ब्राजील को किसी भी पुन:वनरोपण योजना के लिए तैयार होना होगा क्योंकि अमेजन वर्षावन में जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं। फ्रांस के रिजार्ट में जी-7 नेताओं के पर्यावरण पर चर्चा करने के बाद इस पहल की घोषणा की गई। मैक्रों ने अमेजन क्षेत्र की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय संकट करार दिया है और उन्होंने इसे शिखर सम्मेलन की प्राथमिकताओं में शामिल किया।
मैक्रों ने कहा कि अगर ब्राजील के राष्ट्रपति जे बोलसोनारो पेड़ों की कटाई और खनन से अमेजन को संरक्षित करने के लिए गंभीर कदम नहीं उठाते हैं तो वह यूरोपीय संघ और लैटिन अमेरिका के बीच एक बड़े व्यापारिक समझौते में अड़ंगा लगा देंगे। मैक्रों ने सोमवार को कहा, “हमें आज जल रहे अमेजन वर्षा वन पर कोई प्रतिक्रिया करनी होगी।”
इससे पहले, शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा था कि दुनिया भर के नेता जंगल (अमेजन वर्षा वन) में लगी आग से प्रभावित देशों की जल्द से जल्द मदद के लिए सहमत हुए हैं। गौरतलब है कि अमेजन का करीब 60 फीसदी हिस्सा ब्राजील में पड़ता है। इस वर्षा वन का एक बड़ा हिस्सा बोलीविया, कोलंबिया, इक्वाडोर, फ्रेंच गुएया, गुएना, पेरू, सूरीनाम और वेनेजुएला में भी पड़ता है। माना जाता है कि अमेजन का जंगल दुनिया को 20 फीसदी ऑक्सीजन देता है।