वाशिंगटन (एजेंसी) अमरीकी इतिहास में ट्रंप (Trump) ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं जिनके ख़िलाफ़ महाभियोग को मंज़ूरी दी गई है. डेमोक्रेट सांसदों के बहुमत वाले अमरीकी संसद के निचले सदन ने 197 के मुक़ाबले 230 मतों से महाभियोग को मंज़ूरी दे दी. इसके बाद अगले महीने ये मामला संसद के ऊपरी सदन में जाएगा मगर सेनेट पर रिपब्लिकन सांसदों का नियंत्रण है. ऐसे में इस बात की संभावना बहुत कम है कि राष्ट्रपति ट्रंप को उनके पद से हटाया जा सकेगा.
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ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर ज़ेलेंस्की पर 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की जांच के लिए दबाव बनाया है. बाइडेन के बेटे उक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं.
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महाभियोग प्रक्रिया के तहत ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर ज़ेलेंस्की के बीच हुई फ़ोन वार्ता की जांच हुई और डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण वाली न्यायिक समिति ने उनके ख़िलाफ़ औपचारिक आरोप तय कर दिए हैं. इस फ़ोन वार्ता में राष्ट्रपति ट्रंप ने कथित तौर पर यूक्रेनी ऊर्जा कंपनी बुरिज़्मा के लिए काम कर चुके जो बाइडेन (अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के मुख्य उम्मीदवार) और उनके बेटे हंटर बाइडेन के ख़िलाफ़ जांच करने के लिए कहा था.
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न्यायिक समिति के चेयरमेन और डेमोक्रेटिक नेता जेरी नाडलेर के अनुसार ट्रंप के ख़िलाफ़ दो मुख्य आरोप हैं. पहला कि ट्रंप ने सत्ता का दुरुपयोग किया है और दूसरा ये कि राष्ट्रपति ने संसद के काम में बाधा डाली. राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोक दिया था.
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लेकिन ट्रंप ने तमाम आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि संसद उनके ख़िलाफ़ जल्द से जल्द महाभियोग की प्रक्रिया पूरी करे. डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाले निचले सदन से पारित होने के बाद इस मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली सीनेट में ट्रंप के ख़िलाफ़ जांच शुरू होगी. अगर राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ दो तिहाई बहुमत के साथ अभियोग सिद्ध हो जाते हैं तो वह अमरीकी इतिहास में महाभियोग की प्रक्रिया के चलते पद से हटाए जाने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे. हालाँकि, फ़िलहाल ऐसा हो पाना मुश्किल है. ट्रंप और उनके सहयोगी इस पूरी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे हैं.
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व्हाइट हाउस और कुछ रिपब्लिकन नेता इस ट्रायल को दो हफ़्तों के भीतर ख़त्म करना चाहते हैं. अमरीका के इतिहास में केवल दो राष्ट्रपतियों, 1886 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के ख़िलाफ़ महाभियोग लाया गया था, लेकिन उन्हें पद से हटाया नहीं जा सका. 1974 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन पर अपने एक विरोधी की जासूसी करने का आरोप लगा था. इसे वॉटरगेट स्कैंडल का नाम दिया गया था. लेकिन महाभियोग चलाने से पहले उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था क्योंकि उन्हें पता था कि मामला सीनेट तक पहुँचेगा और उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ सकता है.
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