नई दिल्ली (एजेंसी)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर माहौल गर्माने लगा है। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर संतो ने बड़ी बैठक बुलाई है। मणिराम दास छावनी में होने वाली इस बैठक की अध्य क्षता रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास करेंगे। वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर जल्द से जल्द मंदिर निर्माण की मांग की है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर राम मंदिर निर्माण का काम जल्द-से-जल्द शुरू करवाने की अपील की है। स्वामी ने आज ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और राम जन्मभूमि के कानूनी पहलुओं को लेकर अपनी पुरानी राय जाहिर की। उन्होंने लिखा, “पीएम को लिखी एक चिट्ठी में मैंने बताया कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की दरकरार है। उनको यह गलत कानूनी सलाह मिली है। नरसिम्हा राव ने उस जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया था और अनुच्छेद 300A के तहत सुप्रीम कोर्ट कोई सवाल नहीं उठा सकता है, सिर्फ मुआवजा तय कर सकता है। इसलिए, अभी से निर्माण शुरू करने में सरकार के सामने कोई बाधा नही है।”
पीएम को लिखे अपने चार पन्ने के पत्र में स्वामी ने रामसेतु को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक की मान्यता देने की भी अपील की है। उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट की ओर से भारत सरकार को भेजे गए उस नोटिस का भी जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर रामसेतु को राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक क्यों घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
स्वामी ने लिखा, “जहां तक मुझे पता है कि संस्कृति मंत्रालय से राम सेतु राष्ट्रीय धरोहर की मान्यता देने की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन पता नहीं किस कारण से मंत्रिमंडल से स्वीकृति नहीं दी गई है।” वरिष्ठ बीजेपी नेता ने चिट्ठी में कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा राम मंदिर निर्माण का है जिसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से (67 एकड़ से ज्यादा) अविवादित जमीन लौटाने की मांग की है ताकि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके।