मुंबई: कोरोना के संकटकाल में महाराष्ट्र की सरकार पर भी संकट मंडरा रहा है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार ट्रेन और प्रवासियों की घर वापसी को लेकर उद्धव सरकार को घेर रहे हैं. इसी बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी से मुलाकात की है. कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है, इसलिए पवार राज्यपाल से मिले हैं.
हालांकि एनसीपी का कहना है कि शरद पावर को राज्यपाल ने चाय के लिए आमंत्रण दिया था और किसी भी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. आपको याद होगा कि पिछले साल शरद पवार जब संसद में पीएम मोदी से मिले थे तो रातों रात बीजेपी ने NCP के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली थी.
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार पर किसी तरह का कोई संकट नहीं है. संजय राउत ने यह भी कहा कि कल शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात भी हुई. संजय राउत ने लिखा, ”शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई. अगर कोई सरकार की स्थिरता के बारे में खबरें फैला रहा है, तो इसे पेट का दर्द माना जाना चाहिए. सरकार मजबूत है. कोई चिंता नहीं. जय महाराष्ट्र” गौरतलब है कि शरद पवार से पहले कल नारायण राणे ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी.
महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है. मुंबई शहर सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. जिसको लेकर विरोधी सरकार पर हमला कर रहे हैं. अब बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. वहीं, कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रहना बर्दाश्त नहीं हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से मुलाकात कर सेना बुलाने की भी मांग की है.
नारायण राणे ने कहा, ”ये सरकार कुछ नहीं कर सकती, लोगों की जान नहीं बचा सकती है. सरकार फेल हो रही है. इस सरकार में कोरोना से सामना करने की क्षमता नहीं है. इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.” महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद राणे ने सेना बुलाने की बात भी कही है.
राणे ने कहा, ”राज्यपाल जी से हमने अनुरोध किया है कि लोगों की जान बचाने, उनको सही इलाज देने के लिए महानगर पालिका और राज्य सरकार के अस्पताल सेना के हवाले कर दिया जाएं.” राज्य सभा सदस्य राणे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे अनुभवहीन मुख्यमंत्री हैं जो पुलिस और प्रशासन को नहीं चला सकते. उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के अस्पतालों की हालत दयनीय है.”