मुंबई (एजेंसी). नागपुर पुलिस ने एक स्थानीय अदालत द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम समन जारी किया गया। फडणवीस द्वारा चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मुकदमों के बारे में सूचनाएं छिपाने के आरोप से जुड़ा मामला है। सदर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि फडणवीस के घर पर समन की तामील की गई। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनाई है। फडणवीस नागपुर से विधायक हैं।
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मजिस्ट्रेट अदालत ने एक नवंबर को एक याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू की थी, जिसमें भाजपा नेता के खिलाफ कथित तौर पर सूचनाएं छिपाने के लिए आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी। शहर के वकील सतीश उके ने अदालत में एक याचिका दायर कर फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी।
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फडणवीस पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे में खुद पर चल रहे दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है. याचिकाकर्ता की दलील थी कि फडणवीस ने ऐसा कर के जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125A का उल्लंघन किया है. इस संबंध में लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट ने कहा था कि फडणवीस के खिलाफ पहली नजर में कोई मामला नहीं बनता है. याचिकाकर्ता ने कहा था किप्रत्याशी के लिए सभी आपराधिक मामलों की जानकारी देना कानूनी रूप से अनिवार्य है. इस पर फडणवीस सरकार की तरफ से सफाई दी गई कि, पहला मामला डिफेमेशन का है, जिसमें होईकोर्ट ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को राहत दी थी.
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वहीं दूसरा मामला स्लम प्रॉपर्टी पर टैक्स को लेकर है. ये दोनों ही मामले जनहित में थे इनमें कोई पर्सनल हित में नहीं था. बाद में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया और फडणवीस को मामले में सुनवाई का सामना करने का आदेश दिया.
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