लखनऊ: कोरोना संक्रमण से जूझ रहे उत्तर प्रदेसग में में 27 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्तमान हालात को देखते हुए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है. यूपी में पहले 19 ज़िलों में लॉकडाउन किया गया था. इसमें ज़्यादातर वो ज़िले थे जहां से कोरोना का पॉज़िटिव मरीज़ मिला था. हालांकि अब संक्रमण फ़ैलने के ख़तरे को देखते हुए पूरे राज्य में लॉकडाउन किया जा रहा है. अगर आगे भी ज़रूरत महसूस हुई तो इस लॉकडाउन को 31 मार्च तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही दिहाड़ी मज़दूरों को ध्यान में रखते हुए नर सेवा, नारायण सेवा अभियान के तहत 1000 रुपये की सहायता राशि उनके खातों में भिजवाई है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि सरकारी दफ्तरों में पचास फीसदी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी और सरकारी कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करेंगे. उन्होंने साफ किया है कि लॉकडाउन से जरुरी सेवाएं बाधित नहीं होगी. खुदरा दवा की दुकानें राज्य में खुली रहेंगी। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि बेवजह लोग सार्वजनिक जगहों में भीड़भाड़ ना जुटाएं. सीएम ने ये भी कहा है कि जबतक ज़रूरी न हो तबतक लोग मास्क लगाने बचे क्योंकि ऐसा करने से दहशत फैलती है. मुख्यमंत्री ने 35 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को एक हजार रुपए की मदद देने की घोषणा के साथ साथ गरीब लोगों के लिए भरण-पोषण भत्ते का इंतजाम करने की व्यवस्था की है. पूरे राज्य में लॉकडाउन के दौरान छुट्टी को कार्यदिवस के तौर पर गिना जाएगा. अभी कर्मचारियों को छुट्टी के दौरान भी वेतन दिया जाएगा. सीएम ने साफ किया है कि एपिडमिक एक्ट के तहत सोशल मीडिया में फेक न्यूज पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। सीएम हेल्पलाइन पर आम जनता मदद मांग सकते है.
उत्तर प्रदेश में लखनऊ, आगरा, नोएडा, गाज़ियाबाद, कानपुर, वाराणसी, जौनपुर, शामली, लखीमपुर जैसे ज़िलों से कोरोना के संक्रमित मरीज़ों का इलाज़ चल रहा है. एहतियाती कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने यूपी से सटी सीमाओं को सील करने के साथ साथ आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोड़कर सभी कुछ बन्द करा दिया है. पुलिस पहले नरमी से पेश आ रही थी लेकिन आम जनता के लापरवाही भरे रुख़ को देखते हुए अब सख़्ती की जाने लगी है. लॉकडाउन के बावजूद बिना ठोस वजह के सड़कों पर घूमने वालों की गाड़ियां सीज़ की जा रही हैं, एफआईआर दर्ज की जा रही है, कुछ जगहों पर पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी तो कुछ जगहों पर लापरवाह लोगों को सड़क पर मुर्गा बनाकर सज़ा दी गई. सरकार ने सभी से अपील की है कि सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर ही लोग बाहर निकलें। ख़ुद मुख्यमंत्री लगातार बैठकें कर पूरे मामले पर नज़र बनाये हुए हैं.