नई दिल्ली (एजेंसी)। नोटंबदी के लगभग तीन साल बाद पाकिस्तान अब नए नकली नोटों के जरिए भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान से जाली मुद्रा की एक बड़ी मात्रा 2016 से पहले जिस प्रकार अपने गिरोह, उनके सिंडिकेट और मार्गों के रास्ते से भारत में पहुंचाई जाती थी, उन्हीं रास्तों का प्रयोग कर पाकिस्तान फिर से बड़ी मात्रा में जाली नोटों को भारत भेज रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि पाकिस्तान नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में जाली भारतीय नोटों की खेप लाने और वितरित करने के लिए राजनयिक माध्यमों का दुरुपयोग करता रहा है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पहले के जाली नोटों की प्रतियों के मुकाबले अब बेहतर ढंग से छापने की कला ईजाद कर ली है। जिससे भारत में बेहतर गुणवत्ता वाले जाली नोटों की खेप भेजी जा सकें।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान भारत में चलने वाले नए नोट की हूबहू नकल तैयार करके लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को मुहैया करा रहा है। जांच में पाया गया है कि कराची के ‘मलीर-हाल्ट’ इलाके के ‘पाकिस्तान के सिक्योरिटी प्रेस’ में छापे जा रहे जाली नोट में पहली बार ‘ऑप्टिकल वेरियबल इंक’ का इस्तेमाल हो रहा है जो 2000 के नोट के धागे पर इस्तेमाल होती है। इस रंग की खासियत होती है कि नोट पर यह हरे रंग की दिखाई देती है जबकि नोट की दिशा बदलने पर इसका रंग बदलकर नीला हो जाता है।
नकली नोटों को भारत पहुंचाने के लिए पाकिस्तान अलग-अलग धड़ों का प्रयोग कर रहा है। 22 सितंबर को खालिस्तान समर्थक खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के पास से 1 करोड़ रकम के नकली नोट बरामद किए थे। इस ग्रुप के पास से पुलिस ने 5 एके-47 राइफल्स, 30 बोर पिस्टल, 9 हैंड ग्रेनेड, 5 सैटलाइट फोन, 2 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए थे। यह सारा सामान पाकिस्तानी ड्रोन्स के जरिए पहुंचाया गया था।
25 सितंबर को ढाका से पुलिस ने नकली नोट बरामद किए थे। दुबई के रहनेवाले सलमान शेरा ने यह पार्सल सिलहट बांग्लादेश में भेजा था। जांच में पता चला कि पार्सल सिलहट से श्रीनगर के उपाजिला में पहुंचाया जाना था। जांच में खुलासा हुआ कि सलमान शेरा पाकिस्तान के आईएसआई से जुड़े कुख्यात असलम शेरा का बेटा है। असलम 90 के दशक से नकली करेंसी के कारोबार में है।