नई दिल्ली (एजेंसी)। नेपाल सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर भारतीय फलों और सब्जियों के आयात पर रोक लगा दी है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश के महराजगंज स्थित भारत- नेपाल की सोनौली सीमा पर सैकड़ों फलों और सब्जियों से लदी गाड़ियों की कतारें लग गई हैं।
नेपाल सरकार के इस आकस्मिक ऐलान से कच्चे माल के सड़ने की आशंका में कई लोग सीमा पर ही अपने फलों और सब्जियों को स्थानीय आढ़तियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो गए हैं तो कई अभी भी नेपाली अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के इंतजार में कतार में खड़े हैं।
वहीं, सीमा पर इस समस्या को देखते हुए यहां के अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को स्थिति को लेकर अवगत करा दिया है और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालने की बात कही है।
जानकारी के मुताबिक, नेपाल सरकार का मानना है कि भारत से नेपाल आने वाली सब्जियों और फलों में भारी पैमाने पर कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे उनके नागरिकों के ऊपर उसके इस्तेमाल से बुरा प्रभाव पड़ रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं।
ऐसे में भारत से नेपाल आने वाले फलों और सब्जियों की काठमांडु में स्थित उनके लैब में जांच होगी और मानकों पर खरा उतरने के बाद ही सामानों को नेपाल में लाने की अनुमति दी जाएगी।
इस पूरे मामले पर अधिकारियों का कहना है कि नेपाल सरकार ने 17 जून को यह फैसला लिया कि बिना जांच के भारत से सब्जियां और फल नहीं लिया जाएगा।
इस फैसले के बाद नेपाल सरकार ने कई भारतीय ट्रक वापस लौटा दिए। फिलहाल भारतीय उच्चाधिकारी इस संबंध में नेपाल के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
महराजगंज के पुलिस उपाधीक्षक राजू कुमार शाव का कहना है कि बीते पांच दिनों से बॉर्डर पर खड़े फल और सब्जियों के व्यापारी अपने माल को औने-पौने दाम पर ही सीमा पर बेच कर निकल गए हैं। अब ट्रक चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अब उनके पास पैसे भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और ट्रक में सब्जियां और फल अभी भी लदे हुए हैं।
वहीं, हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष नरसिंह पांडेय का कहना है कि जांच के नाम पर नेपाल सरकार भारतीय माल सामानों पर रोक लगाने की साजिश कर रही है। उनका मानना है कि काठमांडू आने-जाने व जांच में ही तीन से चार दिन लग जाएंगे। जिसे सीमा पर खड़ी गाड़ियों में पड़ा कच्चा माल खराब होने का अंदेशा बना रहेगा। व्यापारियों की मांग है कि सीमा पर ही ऐसे लैब की स्थापना की जाए जिससे उनकी फलों एवं सब्जियों की जांच हो सके।