नई दिल्ली(एजेंसी): केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देशभर में आज कोरोना वायरस के कारण जो स्थिति है वो और भी भयानक हो सकती थी अगर लॉकडाउन न लगाया जाता. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लॉकडाउन के कारण ही देश में 29 लाख कोविड-19 के मामलों को रोका जा सका है और ये बात कोई कम महत्वपूर्ण बात नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज संसद में कहा कि देश में कोरोना के संक्रमण की दर कम है और भारत में कोविड-19 के नए मामले और मौतों पर रोक लगाने में सरकार कामयाब रही है. लोकसभा में उन्होंने ये भी कहा कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर 3328 लोग कोरोना के संक्रमण की जद में आ रहे हैं जबकि प्रति 10 लाख लोगों पर मौत का आंकड़ा 55 है. उन्होंने संसद में कहा कि दुनिया में कोरोना का असर झेल रहे देशों में यह सबसे कम है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आज संसद में मानसून सत्र के पहले दिन सदन में कहा कि भारत की उपल्बधियों को कम करके नहीं देखा जाना चाहिए. जहां कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी वहीं आज लाखों की तादाद में रोजाना पीपीई किट बन रही हैं. देश में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी लेकिन अब लाखों कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. यूपी पहला ऐसा राज्य बना है जहां 75 लाख कोरोना टेस्ट हो चुके हैं. राज्य में जल्द ही 2 लाख टेस्ट रोजाना हो पाएंगे.
बता दें कि डॉ हर्षवर्धन ने ये भी कहा था कि 2021 की पहली तिमाही में देश में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. अगर लोगों में वैक्सीन बनने के बाद उसे लेकर किसी भी तरह का संदेह होगा तो मैं खुद सबसे पहले टीका लगवाऊंगा. उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने पर सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन पर काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स को दिया जाएगा.