श्रीनगर: सेब के सीजन से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन तेज़ कर दिए हैं. खास तौर पर दक्षिण कश्मीर के ऐसे इलाकों में जहां बड़ी मात्रा में सेब की खेती होती है और बड़ी संख्या में देश भर से कारोबारी सेब की खरीद के लिए आते हैं.
खुफिया एजेंसियों के अनुसार पिछले साल धारा 370 के हटाए जाने के बाद आतंकियों के निशाने पर दूसरे प्रांतों के मजदूर, ट्रक ड्राइवर और सेब के व्यापारी रहे हैं और करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की हत्या की गई है.
इसी को देखते हुए सुरक्षा बलों ने ‘एप्पल बेल्ट’ यानी पुलवामा, शोपियां अनंतनाग और कुलगाम में विशेष ऑपरेशन शुरू किया है. विशेष ऑपरेशन के सफल परिणाम भी आने लगे हैं. पिछले कुछ दिनों में ही शोपियां में 14 आतंकियों को मार गिराया गया है. सब से आखिरी एनकाउंटर 10 जून को सागू गांव में एक सेब के बगीचे में बने अंडरग्राउंड हाइड आउट में हुआ था.
इस ठिकाने में हिज्बुल और लश्कर से जुड़े आतंकी कमांडर साझा रणनीति तयार करने के लिए इकट्ठे हुए थे लेकिन सुरक्षाबलों के खुफिया तंत्र के शिकार बन गए. पांच आतंकियों को मार गिराया गया. बड़ी बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा तक घुसपैठ पर नकेल कस दी गई है. जून माह के पहले सात दिनों में सेना ने नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की तीन बड़ी कोशिशों को नाकाम किया है.
सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2020 से अब तक जम्मू कश्मीर में 106 आतंकी मारे जा चुके हैं और इनमें सब से अधिक दक्षिण कश्मीर के एप्पल बेल्ट के चार जिलों में मारे गए हैं.
बीते एक पखवाड़े में शोपियां और इससे सटे पुलवामा और कुलगाम में सुरक्षाबलों ने 26 आतंकी मार गिराए जिनमें जैश कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ फौजी, इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर का कमांडर आदिल, लश्कर कमांडर शाहीन और शाकिर समेत लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल व जैश के 14 अन्य कमांडर भी शामिल हैं.
आतंकियों के खिलाफ यह सफलता ऑपरेशन ऑल आउट के तहत जारी जैकबूट के अगले चरण “स्वीट एप्पल बाइट” का नतीजा है. ईद के बाद शुरू किया गया यह अभियान दक्षिण कश्मीर के सिर्फ उन्हीं इलाकों तक सीमित रखा गया है, जिनकी अर्थव्यवस्था सेब की पैदावार पर ही मुख्य तौर पर निर्भर करती है. इसलिए इसे स्वीट एप्पल बाइट नाम दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग जिलों के उन्हीं इलाकों में आतंकियों का ज्यादा प्रभाव है, जहां सेब के बाग ज्यादा हैं. सेब ही यहां की अर्थव्यवस्था है. बीते साल इन्हीं इलाकों में दूसरे राज्यों के ट्रक चालकों और श्रमिकों की हत्याएं हुई थीं.
कुछ माह में सेब का सीजन शुरू होने वाला है. अब फिर से आतंकी सेब व्यापारियों, किसानों व अन्य लोगों के जानमाल को नुकसान न पहुंचा सकें, इसलिए यह अभियान शुरू किया गया है. ऑपरेशन आल आउट में आतंकियों के नेतृत्व के सफाए के लिए ऑपरेशन जैकबूट का यह एक हिस्सा है. इसे स्वीट एप्पल बाइट भी कहा जाता है.
लेकिन इसके लिए सुरक्षाबलों को भी बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी है. जनवरी से अब तक 29 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं जिनमें सेना के बड़े अधिकारी और स्पेशल फोर्सेज के कमांडो भी शामिल हैं.