नई दिल्ली (एजेंसी)। 16 साल के किशोर को अदालत ने बालिग माना और कार चालक की हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। मामला हरियाणा के रोहतक का है। पंजाब के बठिंडा स्थित तलवंडी कस्बे के चरणजीत सिंह की हत्या मामले में दोषी डीघल गांव के युवक कपिल को एडीजे आरपी गोयल की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि वारदात के समय कपिल की उम्र साढ़े 16 साल थी, लेकिन अदालत ने उसे गंभीर अपराध के चलते बालिग मानकर सजा सुनाई है। इसके लिए निर्भया कांड के बाद कानून में हुए संशोधन का हवाला दिया गया है। मामले के अनुसार पंजाब के तलवंडी निवासी रामकिशन ने पुलिस को शिकायत दी कि उसका भाई चरणजीत सिंह शादीशुदा था, जिसकी डेढ़ साल की बेटी है।
वह ट्रांसपोर्ट कंपनी में ड्राइवर था। अगस्त 2016 को घर से ड्यूटी पर गया, लेकिन वापस नहीं लौटा। कंपनी से पता किया तो पता चला कि वह दिल्ली कंपनी के सहायक मैनेजर पार्थ सारथी को दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़ने गया है, लेकिन उसका मोबाइल बंद है।
कंपनी के अधिकारियों और परिजनों ने कार में लगे जीपीएस सिस्टम से चरणजीत सिंह की तलाश शुरू की। पता चला कि चरणजीत सिंह ने सांपला के पास रोहद टोल प्लाजा पार किया। 20 मिनट इस्माईला के पास एक होटल पर रुका। इसके बाद उसका खरावड़ के पास मोबाइल फोन बंद हो गया।
बाद में कार खिड़वाली से चमारिया रोड और फिर मकड़ौली टोल प्लाजा से गुजरी। परिजन अभी चरणजीत सिंह को तलाश कर रहे थे। तभी पता चला कि सदर पुलिस ने सांघी से खिड़वाली रोड पर एक युवक का शव बरामद किया है। जो पीजीआई के मॉर्ग में रखा हुआ है। परिजनों ने पीजीआई पहुंच कर शव की शनाख्त की।
सरकारी वकील ने बताया कि मामले में गिरफ्तार कपिल की उम्र वारदात के समय 16 से 18 साल के बीच में थी। निर्भय कांड के बाद कानून में संशोधन के बाद प्रावधान है कि केस की गंभीरता को देखते हुए अदालत 16 से 18 साल बीच की आयु के आरोपी को बालिग मान सकती है। कोर्ट ने हत्या के दोषी करार कपिल को बालिग मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।