नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और नवनिर्वाचित सांसद कार्ति चिदंबरम की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने रजिस्ट्री के पास जमा 10 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की थी। यह राशि उन्होंने विदेश यात्रा की शर्त पर जमा करवाए थे। मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कार्ति से कहा है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दें।
कार्ति सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। न्यायालय की पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराए गए 10 करोड़ रुपये लौटाने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने यह राशि कर्ज पर ली है और वह इस पर ब्याज चुका रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने 14 मई को इसी सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने उनकी याचिका पर विचार करने से मना करते हुए उन्हें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ के सामने मामले का उल्लेख करने की सलाह दी थी।
7 मई को उच्चतम न्यायालय ने कार्ति को अमेरिका, जर्मनी और स्पेन की यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता एवं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ ने कहा था कि विदेश यात्रा की यह अनुमति पूर्व में लगाई शर्तों के अनुपालन पर निर्भर करेंगी।