मुंबई (एजेंसी)। दिग्गज आईटी कंपनियों में शामिल विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। अजीम प्रेमजी विप्रो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन व प्रबंध निदेशक पद से 30 जुलाई 2019 को रिटायर हो जाएंगे। अजीम प्रेमजी के रिटायरमेंट के बाद उनके बेटे रिशद प्रेमजी अगले 5 सालों के लिए इस पद को संभालेंगे। यानी बेटे के हाथ में कंपनी की कमान होगी। रिशद प्रेमजी 31 जुलाई से पदभार संभालेंगे।
रिशद की पहचान सिर्फ अपने पिता अजीम प्रेमजी की वजह से नहीं है, उन्होंने बतौर कारोबारी खुद अपनी पहचान भी बनाई है। साल 2007 में रिशद विप्रो से जुड़े थे। यहां रिशद ने इन्वेस्टर रिलेशन और कॉरपोरेट अफेयर्स से जुड़े काम शुरू किया। विप्रो में काम शुरू करने से पहले वो बेव कंपनी लंदन में काम करते थे। उन्होंने जीई कैपिटल के साथ भी काम किया है। रिशद विप्रो की तरफ से चलाए जा रहे सामाजिक और शिक्षा से जुड़े कामों को भी देखते रहे हैं।
अजीम प्रेमजी के बेटे रिशद प्रेमजी ने हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए और अमेरिका के वेस्लेयन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इसके साथ ही रिशद ने लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी स्पेशल कोर्स किया है। साल 2014 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने रिशद को यंग ग्लोबल लीडर के तौर पर सम्मानित किया था। रिशद आईटी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम (NASSCOM) के चेयरमैन भी रहे हैं।
रिशद अब 1.76 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैप की विप्रो को संभालेंगे। विप्रो देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी है। विप्रो के दुनियाभर में एक लाख तीस हजार कर्मचारी हैं और इसकी 54 देशों में शाखाएं हैं। विप्रो का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है।
वहीं विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी की बात करें तो वह दुनिया के चंद बड़े दानवीरों में शामिल हैं। इस साल भी अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 34 फीसदी शेयर दान कर दिए हैं। इन शेयर का बाजार मूल्य 52,750 करोड़ रुपये है। अजीम प्रेमजी के हाथों में कंपनी की लगभग 53 साल तक कमान रही।
हालांकि वह नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फाउंडर चेयरमैन के तौर पर जुड़े रहेंगे। बता दें कि फोर्ब्स की सूची में अजीम प्रेमजी विश्व में 38वें स्थान पर हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 510 करोड़ रुपये है। अजीम प्रेमजी के परिवार में पत्नी यास्मिन और दो बच्चे रिशद और तारिक हैं।