महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम में शरद पवार का नाम आने के बाद एनसीपी का विरोध प्रदर्शन

मुंबई (एजेंसी)। बैंक घोटाले में केस दर्ज होने के बाद राष्ट्रवादी नेशनल पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। मुंबई में चल रही इस बैठक में अजित पवार, छगन भुजबल, जितेंद्र अवध और नवाब मलिक मौजूद हैं। आज दोपहर तीन बजे शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है।

इस बीच एनसीपी कार्यकर्ताओं ने मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ईडी कार्रवाई से नाराज हैं। इसके अलावा एनसीपी ने बारामती बंद का ऐलान किया। पुणे और बारामती शहर समेत कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं।

शरद पवार पर मुश्किलें उस समय बढ़ीं जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। शरद और उनके भतीजे अजित पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया। इस घोटाले का नाम है महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक स्कैम।

इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि शरद पवार और अजित पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि इन सभी आरोपियों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के आरोपियों में बैंक की 34 शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं। आर्थिक अपराध शाखा पांच दिन इनके खिलाफ केस दर्ज करे।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया था। डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ती कीमतों पर बेच दिया था। उन पर यह भी आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दोबारा भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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