लखनऊ: मध्य प्रदेश के राज्यपाल और लखनऊ के पूर्व सांसद लाल जी टंडन का आज सुबह निधन हो गया. लाल जी टंडल 85 साल के साथ. 12 जून से उनका लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. पिछले कुछ दिनों से तबीयत ज्यादा खराब थी.
लाल जी टंडन का बीजेपी और आरएसएस से भी लंबा रिश्ता रहा. उन्हें बेहद सामान्य जीवनशैली वाला नेता माना जाता था. लाल जी टंडन उत्तर प्रदेश में बीजेपी बीएसपी सरकार के सूत्रधार भी रहे. उन्होंने कल्याण सिंह सरकार और मायावती सरकार में बतौर मंत्री भी काम किया.
लाल जी टंडन के निधन की सूचना उनके बेटे आशुतोष टंडन ने दी. आशुतोष टंडन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री हैं.
राज्यपाल लालजी टंडन के लीवर में दिक्कत पाए जाने और यूरिन में कठिनाई के साथ बुखार की शिकायतों के बाद उन्हें पहली बार 12 जून को मेदांता में भर्ती कराया गया था. बाद में, उन्हें यकृत और यूरिन इंफेक्शन का पता चला. 16 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल जी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जाने का गहरा दुख है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”श्री लालजी टंडन को समाज की सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया. उनके निधन से दुखी हूं.”
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, ”श्री लालजी टंडन संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे. प्रिय अटल जी के साथ उनका लंबा और करीबी संबंध रहा. दु: ख की इस घड़ी में, श्री टंडन के परिवार और शुभचिंतकों को मेरी संवेदना. शांति.”
लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर शोक जताया है. उन्होंने लिखा, ”स्वभाव से बेहद मिलनसार टंडनजी कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे. विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने जो विकास कार्य कराये उसकी सराहना आज भी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लोग करते हैं. ईश्वर समस्त शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे. ओम शान्ति!”
लाल जी टंडन के निधन पर स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर संवेदना जाहिर की है. स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ”श्री लालजी टंडन के निधन के बारे में सुनकर मैं व्यथित हूं. एक कद्दावर नेता. बाबूजी ने कई युवाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया. हमें अपनी वैचारिक यात्रा पर धीरे से मार्गदर्शन दिया. गोपाल भैया और परिवार के प्रति मेरी संवेदना. शांति”