नई दिल्ली(एजेंसी). भारत में कोरोना ( Covid-19 In India) : 30 जुलाई, 2020 को भारत में कोरोना के छह महीने पूरे हो गए हैं. पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर नज़र रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक ठीक छह महीने के बाद भारत में कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा 1,583,793 पहुंच गया है. मौतों का कुल आंकड़ा 35,000 के पास पहुंच गया है. कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 1,020,582 है और अब भी देश में 528,242 ऐक्टिव केस हैं. अगर दुनिया के दूसरे मुल्कों से तुलना करें तो भारत फिलहाल संक्रमण के मामले में तीसरे पायदान पर खड़ा है.
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भारत में कोरोना का पहला मामला अमेरिका से 10 दिन बाद सामने आया था. संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले नंबर पर है. वहां पर 20 जनवरी को वॉशिंगटन के एक शख्स में कोरोना की पुष्टि हुई थी. तब से अब तक कुल 4,526,481 मामले सामने आए हैं. कुल 152,929 लोगों की मौत हुई है. 2,212,227 लोग बीमारी से ठीक हुए हैं और अब भी 2,161,325 लोगों का इलाज चल रहा है. दूसरे नंबर पर है ब्राजील. वहां 25 फरवरी को साओ पोलो में पहला केस दर्ज किया गया था. यानि वहां भारत की तुलना में 25 दिन बाद कोरोना ने दस्तक दी थी. वहां अब तक कुल 24,98668 मामले सामने आ चुके हैं. कुल 88,792 लोगों की मौत हुई है. 1,721,560 लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं और अब भी 688,316 लोगों का इलाज चल रहा है.
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अगर इन दोनों देशों की आबादी के मुकाबले भारत की आबादी की तुलना करें, तो हम कई गुना बेहतर स्थिति में हैं. अमेरिका की आबादी महज 33 करोड़ है. ब्राजील की भी आबादी महज 21 करोड़ के आस पास है, वहीं भारत की आबादी करीब 130 करोड़ है. लेकिन कुछ तथ्य और हैं, जिनसे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है. अमेरिका में हर 10 लाख की आबादी पर 1,69,553 लोगों की जांच हुई है. ब्राजील में भी हर 10 लाख की आबादी पर 59,251 लोगों की जांच हुई है. जबकि भारत में हर 10 लाख की आबादी पर महज 13,000 लोगों की ही जांच हो रही है. और इस मामले में भारत दुनिया के कई और देशों से कई गुना पीछे है.
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ब्रिटेन में हर 10 लाख की आबादी पर करीब 2 लाख टेस्ट हो रहे हैं. रूस में 1 लाख 80 हजार, स्पेन में डेढ़ लाख टेस्ट हो रहे हैं. सऊदी अरब भी हर 10 लाख लोगों में से एक लाख लोगों की जांच कर रहा है. कनाडा, कतर और कजाकिस्तान जैसे देश भी एक लाख से ज्यादा टेस्ट कर रहा है, जबकि भारत में ये आंकड़ा 20 हजार तक भी नहीं पहुंच पाया है. और ये स्थिति तब है, जब भारत में कोरोना को दाखिल हुए छह महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. अगर अपने आस-पास के देशों पर नज़र डालेंगे तो दिखेंगे पाकिस्तान, बांग्लादेश, फिलिपिंस, इक्वाडोर और बोलिविया जैसे देश, जिनसे भारत जैसे देश की तुलना करने का कोई तुक नहीं बनता है. लेकिन कोरोना के मामले में तो फिलहाल की हकीकत यही है.
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हालांकि ऐसा नहीं है कि इन छह महीनों में भारत ने उपलब्धि हासिल नहीं की है. भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि इसने मौत की दर को कम किया है. भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की दर 2.23 फीसदी है, जबकि दुनिया में ये औसत 4 फीसदी का है. इस लिहाज से भारत बेहतर स्थिति में है. भारत में कोरोना का रिकवरी रेट भी 64.51 फीसदी तक पहुंच गया है. भारत में हर दिन करीब साढ़े चार लाख सैंपल की जांच हो रही है. इन छह महीनों में भारत ने कुल 1,77,43,740 सैंपल की जांच की है. हर रोज 30 हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर अपने घरों को जा रहे हैं. ठीक होने वालों का आंकड़ा और बीमार होने वालों के आंकड़े का अंतर भी लगातार बढ़ रहा है. इसके अलावा भारत ने वैक्सीन बनाने की ओर भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं. यहां पर वैक्सीन के दो फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है और तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया है. ये वो उपलब्धियां हैं, जिनपर हम गर्व कर सकते हैं.
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लेकिन जैसे ही नज़र आंकड़ों पर जाती है, ये गर्व खत्म हो जाता है. पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 52 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले बढ़े हैं. इससे पहले सबसे ज्यादा 49,931 मामले 27 जुलाई को दर्ज किए गए थे. राज्यों के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि स्थितियां कितनी खराब होती जा रही हैं. अभी तक हर रोज सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज महाराष्ट्र में मिल रहे थे, लेकिन अब महाराष्ट्र की जगह ले ली है आंध्र प्रदेश ने. वहां पिछले 24 घंटे में 7948 नए केस सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 7717 मामले सामने आए हैं. तीसरा नंबर है तमिलनाडु का, जहां 6972 मामले सामने आए हैं. कर्नाटक में भी पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में भी 3400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. तेलंगाना, मिजोरम और लक्षद्वीप तीन ऐसे राज्य हैं, जहां पिछले 24 घंटे में कोई नया केस सामने नहीं आया है.
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रही बात दुनिया के दूसरे देशों की, तो पिछले 24 घंटे में सामने आए नए केसों के लिहाज से भारत अब पहले नंबर पर पहुंच गया है. अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 32 हजार केस सामने आए हैं, जबकि ब्राजील में ये आंकड़ा 14 हजार के आस-पास है. वहीं भारत में केस 48 हजार के पार हैं. अब इन आंकड़ों के आधार पर आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि पिछले छह महीने में भारत ने क्या खोया है और क्या पाया है.
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