पटना: बिहार में एनडीए को एकजुट रखने की कवायद अब अपने अंतिम दौर में पहुंच रही है. 28 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए एक अक्टूबर से नामांकन शुरू हो गया. इसलिए बीजेपी की कोशिश जल्द से जल्द गठबंधन को अंतिम रूप देने की है.
गठबंधन को बनाए रखने की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह ने अब खुद अपने कंधे पर ले ली है. इसी कोशिश के तहत गुरुवार को अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक करीब एक घंटे तक चली इस सीधी मुलाकात में सीट बंटवारे पर चर्चा हुई लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ. बैठक में चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत भी की. चिराग ने नीतीश कुमार के साथ चल रही अपनी तनातनी का कारण अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने रखा.
मुलाकात के दौरान बीजेपी और लोजपा की ओर से ये साफ किया गया कि दोनों पार्टियों के बीच किसी भी मुद्दे को लेकर कोई विवाद नहीं है. दोनों पार्टियों के सम्बन्धों को रेखांकित करते हुए अमित शाह ने चिराग पासवान से कहा कि बीजेपी और लोजपा के बीच कोई कटुता नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने ये भी कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन का एकजुट रहना जरूरी है.
लोजपा ये बात लगातार कहती आ रही है कि अगर सीटों के बंटवारे पर एनडीए की सहयोगी दलों में कोई सहमति नहीं बनती है तो पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इनमें ज्यादातर सीटें वो हैं जिनपर बीजेपी का उम्मीदवार खड़ा नहीं होगा. बीजेपी नेताओं के साथ हुई इस बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि बात नहीं बनने की हालत में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव है. लोजपा पहले से कहती आ रही है कि सीट बंटवारे में पार्टी को 42 सीटें मिलनी चाहिए.
उम्मीद की जा रही है कि आज एक बार फिर चिराग पासवान और बीजेपी के इन शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत का एक और दौर हो सकता है. वैसे सूत्रों के मुताबिक, लोजपा और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं ताकि सीट बंटवारे पर जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके.