नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेद की दवा कोरोनिल को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. योग गुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि उनकी पतंजलि संस्थान ने कोरोना का 100 फीसदी इलाज करने वाली दवा खोज निकाली है. ये दवा लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई. जयपुर की जिस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (निम्स) के साथ बाबा रामदेव ने ट्रायल का दावा किया था उसके चेयरमैन डॉ.बीएस तोमर ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि हमने केवल औषधियों का ट्रायल किया है, हमने कोरोनिल का कोई ट्रायल नहीं किया.
कोरोनिल के लॉन्च होते ही सबसे पहले आयुष मंत्रालय हरकत में आया. उसने इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी और पतंजलि के दावे पर कई सवाल उठाए. इसी महीने 23 जून को बाबा रामदेव ने हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेस की। कोरोना से बचाने वाली तीन आर्युर्वेदिक दवा लांच की. इन दवाओ से सौ फीसदी कोरोना के इलाज का दावा किया. लेकिन लांचिंग के 6 घंटे के अंदर आयुष मंत्रालय ने दवा के प्रचार पर रोक लगा दी.
इसके बाद उत्तराखंड आयुर्वेदिक विभाग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया. विभाग ने कहा कि बुखार-खांसी-सर्दी की दवा कहकर लाइसेंस लिया था, कोरोना की दवा बना रहे हैं ये नहीं बताया. इसके बाद बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में दवा के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दायर हुआ है. वहीं राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनिल दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है.
आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी पतंजलि की ‘कोरोनिल’ पर पाबंदी लगा दी है. इससे पहले राजस्थान सरकार भी कोरोना के इलाज के लिए बाबा रामदेव के दावों पर सवाल उठा चुकी है. अब महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को कहा है कि कोरोनिल दवा के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है, इसलिए राज्य में इस दवा की बिक्री पर रोक रहेगी.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक ट्वीट में लिखा, “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ये पता लगाएगा कि क्या ‘कोरोनिल’ का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था. हम बाबा रामदेव से कह देते हैं कि हमारी सरकार राज्य में नकली दवाइयों की बिक्री की परमिशन नहीं देगी.”
योग गुरु बाबा रामदेव के कोरोना वायरस की दवा बनाने के दावे का मामला अदालत तक पहुंच गया है. बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में बुधवार को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ देश को दवा के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दायर किया है.
इसकी खुराक के लिए पंतजलि की दवा के पैक पर दिए निर्देश में बताया गया है, कोरोनिल की 2-2 गोलियों का भोजन के आधे घंटे बाद गर्म पानी के साथ सेवन किया जाना चाहिए. ऊपर बताई गई दवा का सेवन और मात्रा 15 से 80 वर्ष की आयु के बीच के लोगों के लिए उपयुक्त है. बताई गई खुराक की आधी मात्रा का इस्तेमाल छह से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए किया जा सकता है.
कोरोना वायरस की यह कोरोनिल नामक दवा एक आयुर्वेदिक दवा है. इस दवा में सिर्फ देसी सामान मिलाया गया है. इस दवा को मुलैठी, गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासारि आदि की मदद से तैयार किया गया है.
कोरोना टेस्ट जहां काफी महंगा हो रहा है वहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बाबा रामदेव की पतंजलि कोरोना की जो दवा है वो कितने में लोगों को बेचेगी. आइए हम आपको इसका प्राइस बताते हैं. बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि मेगा स्टोर पर यह दवा तकरीबन 600 रुपये में उपलब्ध होगी. इसके साथ ही बाबा रामदेव ने कहा है कि जो गरीब और आर्थिक रूप से 600 रुपये खर्च करने में सक्षम नहीं होंगे उन तक यह दवा फ्री में पहुंचाने पर भी विचार किया जा रहा है.
कोरोनिल दवा पतंजलि मेगा स्टोर पर मिलेगी. आपको ‘दिव्य कोरोना किट’ मिलेगा. इसमें तीन तरह की दवाएं होंगी. इसमें कोरोनिल टैबलेट के अलावा रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने वाली श्वसारी वटी भी मिलेगी. साथ ही नेजल ड्रॉप के तौर पर अणु तेल का भी इस्तेमाल किया गया है.
अणु तेल को सुबह के वक्त तीन-तीन बूंद नाक में डाला जाएगा. इसके बाद खाली पेट श्वसारि की तीन-तीन टैबलेट दी जाती है. वहीं खाने के बाद मरीज को कोरोनिल की तीन गोलियां दी जाती हैं.
पंतजलि ने दावा किया है कि इस दवा को लेकर 100 लोगों पर जो क्लिनिकल ट्राइल की स्टडी की गई, उसमें तीन दिन के अंदर 69 फीसदी मरीज रिकवर कर गए. वहीं सात दिन के अंदर 100 फीसदी मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए.