नई दिल्ली (एजेंसी)। फॉरेंसिक ऑडिट में आम्रपाली ग्रुप का एक और घोटाला सामने आया है। आरोप है कि फ्लैट बुक कराने वाले निवेशकों के पैसों से निजी इस्तेमाल के लिए 5.88 करोड़ की कीमत के सोने के बिस्किट खरीदे गए। जबकि कंपनी ने इसकी खरीदारी को त्यौहारी बताया था। लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि ग्रुप ने सोने की खरीदारी निजी इस्तेमाल के लिए की थी। कोर्ट ने यह रकम मैनेजमेंट से रिकवर करने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक नोएडा के एक ज्वेलर्स से सोने के बिस्किट खरीदे गए। जांच में यह भी पाया गया कि रियल इस्टेट कंपनी हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए फंड को डमी कंपनी, फेक बिल्स और अपार्टमेंट्स के दाम गिराकर डायवर्ट कर रही थी।
जब 2015-16 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था तो ग्रुप ने संपत्तियों का हस्तांतरण शुरू कर दिया। ग्रुप के फंड को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। प्रॉपर्टी की बेनामी रजिस्ट्री कराई गई।
मालूम हो कि 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाया था कि आम्रपाली ग्रुप के सभी कंपनियों के रेरा रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाएं और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करे ताकि करीब 4200 बायर्स को फ्लैट मिल सकें। कोर्ट ने 270 पेज का आदेश दिया था।