निर्भया की माँ ने रोते हुए कोर्ट में कहा, आपके हाथ जोड़ती हूं डेथ वॉरंट जारी करें

नई दिल्ली (एजेंसी).  निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को नया डेथ वॉरंट जारी होने की अर्जी पर ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई गुरुवार तक स्थगित होने पर निर्भया की मां कोर्ट में रो पड़ी और बोली- मामले को 7 साल हो चुके हैं। मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूं, कृपया डेथ वॉरंट जारी कर दीजिए। अदालत ने दोषी पवन गुप्ता की मांग पर उसे कानूनी मदद की पेशकश की, इस पर निर्भया की मां ने कहा कि मैं भी इंसान हूं, मेरे अधिकारों का क्या होगा। निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने नया डेथ वॉरंट जारी करने के लिए अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई हुई।

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निर्भया केस (Nirbhaya Case) में गुनाहगार विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को 1 फरवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चिकाल के लिए टाल दिया। गुनाहगार विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी थी। याचिका में विनय ने खुद को मानसिक रोगी बताते हुए फांसी की उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। याचिका में विनय शर्मा ने कहा था कि तिहाड़ जेल में लगातार टार्चर किए जाने से उसे ‘इमेंस साइकोलॉजिकल ट्रॉमा’ नाम की मानसिक बीमारी हो गई है।

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सुनवाई स्थगित होने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि उनका भरोसा और उम्मीद टूट रही है। दोषी फांसी से बचने के लिए अदालती कार्रवाई की रणनीति अपना रहे हैं, जिसे अदालत को समझना होगा। दोषी सजा से बचने के लिए नई तरकीबें अपना रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 फरवरी को कहा था कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग सजा नहीं दी जा सकती है। अदालत ने दोषियों को सभी कानूनी विकल्प अपनाने के लिए 7 दिन का समय दिया था। निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अदालत ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

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जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की बेंच 14 फरवरी को इस मामले में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस सुनवाई का ट्रायल कोर्ट द्वारा नया डेथ वारंट जारी करने के मामले पर असर नहीं पड़ेगा। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। केंद्र और तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस फैसले के लिए खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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