नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता संशोधन बिल (NRC) पर पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्र हिंसक प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं. नागरिकता विधेयक के खिलाफ जहां विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है, वहीं केंद्र सरकार इसे अल्पसंख्यकों के हित में बता रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में कहा है कि देश के मुसलमानों को इससे कोई खतरा नहीं है.
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आज राज्यसभा में यह बिल पेश हो रहा है. इसी बीच पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. गुवाहाटी में भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले छोड़े हैं. विरोध में उतरे लोगों का दावा है कि इससे मूलनिवासी ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे. मंगलवार को त्रिपुरा, असम के कई हिस्सों में छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरोध पर सवाल उठाते हुए असम के वित्त मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि कांग्रेस के राज में असम के मूलनिवासी अल्पसंख्यक हो गए.
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बंग्लादेशी घुसपैठिये मुसलमानों की संख्या अमस में 36 फीसदी है. वे असम की भाषा नहीं बोलते हैं लेकिन उनका असर 45 विधानसभा सीटों पर है. क्या यह असम की नस्लीय सफाई नहीं थी. दरअसल इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 नरेंद्र मोदी और अमित शाह सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों की नस्लीय सफाई करना चाहती है. यह पूर्वोत्तर के राज्यों पर आपराधिक हमला है, उनके जीने के तरीके और उनके भारतीयता की सोच पर हमला है.
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