नई दिल्ली (एजेंसी)। अबू धाबी स्थित एयरलाइन कंपनी एतिहाद नरेश गोयल के स्वामित्व वाली जेट एयरवेज में और पैसा निवेश नहीं करेगी। एतिहाद ने भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों को इस बारे में सूचना दे दी है। इससे जेट के सामने एयरलाइन चलाने का संकट खड़ा हो सकता है। इस बीच जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल अपने बेटे निवान गोयल के साथ दोहा रवाना हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक नरेश गोयल ने कतर एयरवेज के सीईओ अकबर अल बाकर को कंपनी के हालातों के बारे में जानकारी दी है।
एतिहाद के सीईओ टोनी डगलस ने सोमवार को एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार के साथ मुलाकात की और कंपनी के निर्णय के बारे में जानकारी दी।
2013 में एतिहाद ने जेट एयरवेज में 24 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी। उसके बाद से जेट एयरवेज के लिए अबू धाबी एक हब बन गया था। एतिहाद एयरवेज का मुख्यालय अबू धाबी में स्थित है। अब एतिहाद ने कहा है कि वो जेट से किनारा करने के लिए तैयार है और इसके लिए उसने 150 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से पैसा मांगा है।
जेट को मुश्किल हालात से बाहर निकालने के लिए 750 करोड़ रुपये की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकों के कंशोर्सियम के साथ मिलकर यह पैसा निवेश करने की हामी भर दी थी। इस मदद से कंपनी अगले छह महीने उड़ान भर सकेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा है कि नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज को किसी तरह का आपात कोष देने का फैसला वह अकेला नहीं करेगा। इस पर निर्णय बैंकों द्वारा सामूहिक आधार पर किया जाएगा।